
दूरदर्शी नीति और बेजोड़ कूटनीति... दुनिया का स्वागत करते भारत के वो 70 मिनट
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जब हाथों में छड़ी लेकर पैरों को सहारा देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस नजर आते हैं तो इशारे-इशारे में मोदी उनका हाल जान लेते हैं. ठीक ऐसे ही जब जर्मनी के चांसलर ओलाफ अपनी दाहिनी आंख पर पट्टी बांधकर भारत मंडपम के गलियारे से हुए हुए मोदी तक पहुंचते हैं तो प्रधानमंत्री सबसे पहले उनकी आंख के बारे में पूछते हैं.
भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन के पहले दिन पूरे विश्व ने भारत की झलक देखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से स्वागत किया. अमूमन ऐसे अंतराष्ट्रीय सम्मेलन, इतने प्रोटोकॉल और औपचारिकता के साथ होते हैं, जिसमें निजी संबंधों का भाव खोजने से भी नहीं मिलता. मगर, प्रधानमंत्री ने 70 मिनट के स्वागत समारोह में G-20 में आए राष्ट्राध्यक्षों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रमुखों का न सिर्फ हाथ जोड़कर स्वागत किया और गर्मजोशी से गले मिलकर अभिवादन किया बल्कि अपनी बॉडी लैंग्वेज से भारत की संस्कृति को लेकर दुनिया को एक बड़ा पैगाम भी दिया. पैगाम यही कि अब ये भारत का वक्त है.
ये दृश्य मोदी की दूरदर्शी नीति और भारत की बेजोड़ कूटनीति के स्वर्णिम गलियारे में देखने को मिले. इसी गलियारे पर बिछी लाल कालीन पर बढ़ रहे कदमों से पूरी दुनिया भारत के विश्वगुरु बनने के सफर को आज माप रही थी. इसी गलियारे में राष्ट्राध्यक्षों के अभिवादन में हाथ जोड़कर खड़े प्रधानमंत्री मोदी ने नई विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका की संपूर्ण झांकी दिखा दी.
कई मुल्क भारत को उजाले की उम्मीद से देख रहे हैं
यहां दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के प्रमुख थे तो दुनिया के नक्शे पर उन छोड़े मुल्क के प्रमुख भी जो गुमनामी के अंधेरे में भारत को किसी उजाले की उम्मीद से देख रहे हैं, क्योंकि भारत मंडपम के इसी गलियारे से दुनिया यूक्रेन-रूस युद्ध की चिंता और वैश्विक मंदी वाले ग्रहण से बचाने के रास्ता खोज रही है.
बेहद दोस्ताना अंदाज में पीएम मोदी से गले मिले बाइडेन
दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष यानी जो. बाइडेन इसी गलियारे में भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में सलूट करते हैं. बेहद दोस्ताना अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलते हैं. बातें करते हैं. इसी गलियारे में जब एक पल के लिए रूस के विदेश मंत्री का पांव लड़खडाता है तो पीएम मोदी संभालने के लिए आगे बढ़ते हुए नजर आते हैं.

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देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

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