दिल्ली: CCTV से लैस होंगे सभी क्लासरूम, पैरेंट्स को मोबाइल पर मिलेगी लाइव फुटेज
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इन फुटेज के संवेदनशील उपयोग के लिए अभी तक कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं थे लेकिन अब सरकार कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. इस पेचीदा मुद्दे पर रास्ता निकालने के लिए दो विभाग, शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मिलकर काम कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार ने सभी क्लास रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाना शुरू कर दिया है और अब शहर प्रशासन इन कैमरों की लाइव फीड अभिभावकों को भी उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है. इन फुटेज के संवेदनशील उपयोग के लिए अभी तक कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं थे लेकिन अब सरकार कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. इस पेचीदा मुद्दे पर रास्ता निकालने के लिए दो विभाग, शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मिलकर काम कर रहे हैं और अब दोनों विभागों ने चुनौती को लगभग खत्म कर दिया है. चीजें आसान हो गई हैं क्योंकि दोनों विभागों का नेतृत्व अब उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कर रहे हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, यह काम बहुत आसान नहीं था, क्योंकि यह निजता और यहां तक कि छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा है. लंबे समय तक, विभाग उस प्रावधान से जुड़े तकनीकी जोखिमों के बारे में सुनिश्चित नहीं थे जिसमें माता-पिता या अभिभावकों को लाइव क्लास रूम फुटेज की सीधी पहुंच प्राप्त होगी. पीडब्ल्यूडी और शिक्षा विभाग के बीच काफी विचार-विमर्श हुआ और कई बार तीसरे सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विभाग ने भी कुछ सुझाव दिए. विशेषज्ञों के साथ बहुत परामर्श के बाद एक मोबाइल एप्लीकेशन DGS LIVE ऐप्प विकसित किया गया है.
अब सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में लिए गए कैबिनेट के फैसले का जिक्र करते हुए करीब दो महीने पहले सभी स्कूलों को पत्र लिखा है. विभाग ने स्कूलों को लिखा, "सरकारी स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा शिक्षा निदेशालय, दिल्ली के जीएनसीटी की सर्वोच्च प्राथमिकता है. यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय के सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की आपूर्ति और व्यापक व्यवस्था GNCT दिल्ली द्वारा की जा रही है.
पत्र में आगे लिखा गया, "जैसा कि तय किया गया है, सरकारी स्कूलों के छात्रों के माता-पिता/ अभिभावकों को स्कूल में अपने बच्चों के लाइव सीसीटीवी वीडियो फुटेज देखने के लिए लिंक प्रदान किया जाएगा. तदनुसार, माता-पिता को एक्सेस करने में सक्षम बनाने के लिए व्यक्तिगत आईडी और पासवर्ड के साथ सुरक्षित लॉगिन के माध्यम से अपने बच्चों के कैमरों के लाइव सीसीटीवी वीडियो फुटेज देखने की सुविधा मिलेगी.
किसी भी दुरुपयोग और चिंताओं से बचने के लिए यह व्यस्था होगी कि माता-पिता या अभिभावकों के अलावा किसी अन्य को फुटेज की एक्सेस नहीं होगी. एक बार मोबाइल नंबर और छात्रों के विवरण डीजीएस लाइव ऐप में अपलोड हो जाने के बाद, लॉगिन और पासवर्ड सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से जेनरेट किया जाएगा और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा. यह भी निर्णय लिया गया है कि माता-पिता/अभिभावकों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित सहमति फॉर्म जमा नहीं करने पर छात्रों का कोई विवरण प्रदान नहीं किया जाएगा.
ऐसे में स्कूलों के प्रधानाध्यापक को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी. सभी एचओएस को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक स्कूल को आवंटित कमरा नंबर इस तरह से तय करना चाहिए कि पूरे वर्ष किसी भी बदलाव की आवश्यकता नहीं हो. कक्षा में किसी भी बदलाव से माता-पिता द्वारा अनधिकृत एक्सेस होगी और कक्षा बदलने से पहले डेटा सिस्टम में बदलाव भी करना होगा.
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