
दिल्ली: 7 महीने के बच्चे को किडनैप कर मांगी 40 लाख की फिरौती, पुलिस ने सात घंटे में सुलझाया केस
AajTak
दिल्ली के निहाल विहार में 7 महीने के बच्चे के अपहरण मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता हासिल हुई है. अपहरणकर्ता ने बच्चे को सही सलामत छोड़ने के लिए 40 लाख फिरौती की मांग की थी.
दिल्ली के निहाल विहार में 7 महीने के बच्चे के अपहरण मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. अपहरणकर्ता ने बच्चे को सही सलामत छोड़ने के एवज में 40 लाख फिरौती की मांग की थी. दिल्ली पुलिस ने 7 घंटे में किडनैपिंग के इस केस को सुलझा लिया है. पुलिस की रेड के दौरान आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहा लेकिन बाद में उसे ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया गया. 7 महीने के बच्चे को 9 अप्रैल के दिन दोपहर करीब 12.30 बजे अगवा किया गया था. ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के ग्रैंड क्योर फार्मा कंपनी में फार्मासिस्ट के रूप में काम करने वाले निहाल विहार के सिद्धार्थ कौशिक ने पुलिस को जानकारी दी कि उनके किरायेदार के बेटे प्रियांशु ने उनके 7 महीने के बच्चे यानी कार्तिक को अगवा कर लिया है. बच्चे को वापस करने के लिए वह 40 लाख रुपये की मांग कर रहा है. मामले की जानकारी मिलते ही एसीपी नांगलोई, एसीपी ऑपरेशन्स और एडिशनल डीसीपी की सरपरस्ती में बच्चे की तलाश शुरू की गई.
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










