दिल्ली में 2025 तक यमुना सफाई का टारगेट, केजरीवाल सरकार ने तैयार किया 5 प्वाइंट एक्शन प्लान
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जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यमुना की सफाई के लिए सबसे बड़े प्रदूषकों यानी नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा ड्रेन के पानी को ट्रीट करने के लिए अहम पहल शुरू हो रही है. हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले साल इन तीनों ड्रेन में अलग-अलग जगहों पर वियर्स बनाए थे.
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में यमुना को 2025 तक साफ करने को लेकर 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार किया है. जिसमें कहा गया है कि किसी भी बड़ी नदी को साफ करने के लिए उसके नालों और सहायक नदियों को साफ करना जरूरी है. ऐसे में यमुना में गिरने वाले नालों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई पहल की गई है. इसी कड़ी में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के मुख्य नालों की सफाई और यमुना में ट्रीटेड वॉटर पहुंचाने के उद्देश्य से 5 प्वाइंट एक्शन प्लान बनाया है, जिसके तहत नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा ड्रेन में 9-10 अलग-अलग जगहों पर वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट्स जोन बनाए जाएंगे. इन जोन में ड्रेन की सफाई के लिए, इन-सीटू ट्रीटमेंट विधि के साथ-साथ फ्लोटिंग बूम, वियर्स (पानी रोकने के लिये छोटे बांध), एरिएशन डिवाइसिज, फ्लोटिंग वैटलेंड लगाए जाएंगे. इसके अलावा वेस्टवॉटर में मौजूद फॉस्फेट को कम करने के लिए केमिकल डोजिंग की जाएगी.
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यमुना की सफाई के लिए सबसे बड़े प्रदूषकों यानी नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा ड्रेन के पानी को ट्रीट करने के लिए अहम पहल शुरू हो रही है. हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले साल इन तीनों ड्रेन में अलग-अलग जगहों पर वियर्स बनाए थे. इसके बेहतर रिजल्ट को देखते हुए हमने यमुना में प्रदूषकों की मात्रा को कम करने के लिए अलग-अलग जोन के आधार पर वेस्टवॉटर को विभिन्न प्रोसेस के माध्यम से ट्रीट करने का फैसला लिया है. यमुना को प्रदूषित करने वाले नालों की सफाई होते ही यमुना अपने आप साफ होने लगेगी.
केजरीवाल सरकार की ओर से नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा ड्रेन, इन तीनों नालों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ समय पहले विभिन्न जगहों पर वियर्स (छोटे बांध) बनाएं गए थे. वहीं, कुछ जगहों पर एरिशन सिस्टम और कई जगहों पर बैंबू फ्लोटिंग वैटलेंट व प्लास्टिक वैटलेंट भी लगाए थे. जिससे यह पता चल सके कि बड़े स्तर पर कौन सा प्रोसेस बेहतर होगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी को बेहतर तरीके से ट्रीट करने में मदद मिल सके. सरकार को इस पायलट प्रोजेक्ट के बेहतर रिजल्ट देखने को मिले थे. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में इन तीनों ड्रेन में अलग-अलग जगहों पर 9-10 ट्रीटमेंट्स जोन बनाने का फैसला लिया है. जहां पर सीवेज के पानी को ट्रीट करने के लिए विभिन्न प्रोसेस दोहराई की जाएगी, ताकि यमुना तक साफ पानी पहुंचे.
ये है सरकार का प्लान
1. अलग-अलग जोन में नालों की सफाई के लिए फ्लोटिंग बूम लगाए जाएगें, ताकि प्लास्टिक वेस्ट को एक जगह इकट्ठा करके निकाल सके I इसके अलावा इन-सीटू ट्रीटमेंट विधि, जिसमें पानी को किसी अन्य जगह न लेजाकर उसी जगह पर ही साफ़ किया जाता है, के द्वारा पानी को स्वच्छ बनाने का काम किया जाएगा I इससे नाले में से प्लास्टिक को इकट्ठा करना आसान होगा. साथ ही जल प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी.
2. इन नालों के जोन में वियर (बांध) बनाए जाएंगे. बांध बनाने का मकसद यही है कि पानी की गहरानी बढ़े और पानी में मौजूद सुक्ष्म कण जमीन की सतह पर बैठ जाए. बांध के ऊपर से साफ पानी ओवर फ्लो होकर आगे बढ़ जाए.
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