दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी, MCD ने बनाया ये मास्टर प्लान
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एमसीडी ने 52 एमआरएसएम तैनात किए हैं, जो एक दिन में औसतन 1560 किलोमीटर सफाई कर रहे हैं. एमआरएसएम के कामकाज की निगरानी जीपीएस के जरिए की जा रही है. एमसीडी में 252 वाटर स्प्रिंकलर हैं, जिनमें से 80% धूल नियंत्रण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं.
सितंबर का महीना लगभग खत्म होने वाला है. वहीं अक्टूबर आते ही सर्दियों की आहट शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही प्रदूषण भी राजधानी दिल्ली को अपनी चपेट में लेने लगेगा. इसके मद्देनजर एमसीडी ने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. दरअसल, एमसीडी ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं. इस दिशा में काम करते हुए एमसीडी ने अलग-अलग जगहों पर 11 एंटी स्मॉग गन तैनात की हैं.
एमसीडी के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एसएलएफ भलस्वा में 2, सी एंड डी संयंत्रों पर (रानी खेड़ा, बुरारी और जहांगीर पुरी) 3, एसएलएफ ओखला में 1, सी एंड डी अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र बक्करवाला में 1, एसएलएफ गाजीपुर में 1, सी एंड डी प्लांट शास्त्री पार्क में 1 और सिविक सेंटर, एमसीडी मुख्यालय में 2 एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.
एमसीडी ने लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह मलबा डालने के लिए डंपिग साइट बनाई हैं. आम जनता द्वारा कम मात्रा में मालबे को इन साइटों पर डंप किया जा सकता है, जहां से इसे सी एंड डी अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट में ले जाया जाता है. वहीं अधिक मात्रा में मलबा निकलने पर इसे सीधे बक्करवाला, रानी खेड़ा और शास्त्री पार्क जैसे सी एंड डी प्लांट पर डंप करने के लिए निर्देशित किया गया है.
वायु प्रदूषण से निपटने के उपाय
एमसीडी ने 52 एमआरएसएम तैनात किए हैं, जो एक दिन में औसतन 1560 किलोमीटर सफाई कर रहे हैं. एमआरएसएम के कामकाज की निगरानी जीपीएस के जरिए की जा रही है. एमसीडी में 252 वाटर स्प्रिंकलर हैं, जिनमें से 80% धूल नियंत्रण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. औसतन 1600 किलोमीटर प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जा रहा है. हॉटस्पॉट पर काम कर रहे वाटर स्प्रिंकलर दिन में दो बार काम कर रहे हैं.
ये हैं 13 हॉटस्पॉट
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