
दिल्ली में कोरोना ही नहीं, पॉल्यूशन भी हो रहा बेकाबू, जानें कितनी खराब है राजधानी की हवा
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दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन दिल्ली में सिर्फ कोरोना ही नहीं, एयर पॉल्यूशन भी बेकाबू हो रहा है. डेटा बताता है कि दिल्ली की हवा फिर से बेहद खराब होती जा रही है.
राजधानी दिल्ली में इस वक्त दो चीजें बेकाबू हो रही हैं. पहला कोरोना और दूसरा एयर पॉल्यूशन. कोरोना के हालात तो सबको पता ही हैं, इसलिए अब पॉल्यूशन के हालात भी जान लेते हैं. इस साल अब तक पॉल्यूशन जितना बढ़ा है, उससे दिल्ली में रहने वालों की चिंता बढ़ सकती है. क्योंकि 2018 के बाद इस साल दिल्ली की हवा सबसे खराब है. पिछले डेढ़ महीने के पॉल्यूशन डेटा का एनालिसिस करने पर पता चलता है कि दिल्ली की हवा फिर खराब होती जा रही है. जबकि पिछले साल दिल्ली की हवा सबसे साफ थी. हालांकि, उसका कारण लॉकडाउन था. और जैसे ही लॉकडाउन में ढील मिली, वैसे ही पॉल्यूशन भी बढ़ता गया. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) पर वायु प्रदूषण से जुड़ा डेटा मौजूद रहता है. हमने जब इस डेटा का एनालिसिस किया, तो दिल्ली की खराब हवा की तस्वीर साफ होने लगी. दरअसल, दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर यानी PM बढ़ता जा रहा है. हवा में जो छोटे-छोटे कण होते हैं, उन्हें PM कहा जाता है. ये अलग-अलग साइज के होते हैं. गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, इंडस्ट्री-फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं, पराली जलाने पर निकलने वाला धुआं और कोयले से निकलने वाला धुआं, इन सब में अलग-अलग साइज के PM मौजूद रहते हैं. प्रदूषण के लिए सबसे खतरनाक PM2.5 होता है, क्योंकि ये बहुत छोटे कण होते हैं और इनकी वजह से ही कई तरह की बीमारियां होने का खतरा भी रहता है.
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