
दिल्ली में कल नहीं हो पाएंगे मेयर चुनाव? AAP ने कहा- पुरानी परंपरा तोड़ना चाहते हैं उपराज्यपाल
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दिल्ली में कल होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कल दिल्ली में मेयर का चुनाव होना है, लेकिन अब तक पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फ़ाइल चुनी हुई सरकार को नहीं मिली है.
दिल्ली में कल होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कल दिल्ली में मेयर का चुनाव होना है, लेकिन अब तक पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फ़ाइल चुनी हुई सरकार को नहीं मिली है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी साहब केरला में मौजूद हैं. तय प्रक्रिया तो ये है कि जो मेयर आउट गोइंग होते हैं. वो पीठासीन अधिकारी होंगे. ये परंपरा रही है, लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उपराज्यपाल इस पुरानी परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जो फाइल मेरे पास आनी चाहिए थी फिर वहां से सीएम और उपराज्यपाल के पास जानी थी, लेकिन मेरे पास फाइल नहीं भेजी गई बल्कि इसे सीधे उपराज्यपाल को भेजा गया.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि दिल्ली मेयर का चुनाव कल होगा या नहीं क्योंकि अभी तक पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है. मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव पीठासीन कार्यालय की नियुक्ति के बिना नहीं हो सकते हैं.
ECI ने कल शाम जारी की थी NOC
बता दें कि बुधवार शाम को ECI ने दिल्ली नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर NOC जारी कर दी थी. इससे ये स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली में कल मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हो सकेंगे. इससे पहले चुनाव को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी. नियम के मुताबिक दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के चलते MCD को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए ECI की NOC लेना आवश्यक होता है.
मेयर चुनाव के लिए EC की परमिशन जरूरी क्यों?
26 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना है. इसके लिए नॉटिफ़िकेशन जारी कर दिया गया था. उसके बाद निगम सचिव की तरफ से चुनाव आयोग को अनुमति के लिए पत्र भेजा था. साथ ही एक फाइल उपराज्यपाल को भी भेजी गई थी. सामान्य दिनों में निगम या मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में चुनाव आयोग का कोई रोल नहीं होता है, लेकिन चूंकि अभी लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लगा हुआ है. इसलिए चुनाव आयोग की अनुमति जरूरी है. इसलिए मेयर चुनाव के लिए आयोग की परमिशन का इंतजार था.

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