
दिल्ली बॉर्डर पर रोके गए सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक, लेह से कर रहे हैं 700 किमी की पदयात्रा
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सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग लगातार कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि सोमवार को वह जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया.
सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक सोमवार को जैसे ही अपनी 700 किलोमीटर लंबी 'दिल्ली चलो पदयात्रा' करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया. उनके साथ लद्दाख से 150 कार्यकर्ता भी दिल्ली की तरफ आ रहे थे.
उन्होंने एक एक वीडियो पोस्ट में लिखा, "मुझे और मेरे 150 पदयात्रियों को दिल्ली सीमा पर 1000 से अधिक की पुलिस तैनात की गई है.. कई बुजुर्ग लोग और महिलाओं की उम्र 80 साल से ऊपर है और कई दर्जन लोग आर्मी के रिटायर अफसर हैं. आगे क्या होगा, हमें नहीं मालूम. हमें बस में ले जाया जा रहा है. हो सकता है कि आगे हमें डिटेन किया जाए या अरेस्ट कर लिया जाए. आगे हमें कहा ले जाएंगे ये नहीं पता. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हम बापू की समाधि की तरफ एक सबसे शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे... हे राम! '
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आपको बता दें कि सोनम वांगचुक 1 सितंबर से 150 लोगों के साथ लद्दाख से निकले थे. इस दौरान वह हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति, मनाली, कुल्लू, मंडी, चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे थे.
‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा किया गया है. ALB करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ पिछले चार वर्षों से राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ-साथ शीघ्र भर्ती प्रक्रिया और लेह एवं करगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीट के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन का नेतृत्व कर रही है.

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