
दिल्ली पहुंचा तहव्वुर राणा, अब खुलेगी PAK सेना-ISI की पोल, आतंक को हथियार बनाने की साजिश होगी बेनकाब!
AajTak
Tahawwur Hussain Rana: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा दिल्ली पहुंच चुका है. एनआईए और रॉ की ज्वाइंट टीम अमेरिका से लेकर उसे पहुंच गई हैं. उसके भारत पहुंचते ही पाकिस्तान घबरा गया है और हताशा में खुद को वो तहव्वुर राणा से अलग करने में जुट गया है.
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा दिल्ली पहुंच चुका है. एनआईए और रॉ की ज्वाइंट टीम अमेरिका से लेकर उसे पहुंच गई हैं. उसके भारत पहुंचते ही पाकिस्तान घबरा गया है और हताशा में खुद को वो तहव्वुर राणा से अलग करने में जुट गया है. उसके प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उसे कनाडाई नागरिक बताया और उसका पाकिस्तान कनेक्शन होने से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाक दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई नागरिकता बहुत साफ है. अब सवाल ये है कि पाकिस्तान को सबसे बड़ा क्या डर है? वो क्यों घबराया हुआ है? तो इसकी पहली वजह तहव्वुर राणा का पाकिस्तानी सेना से सीधा रिश्ता है. उसके पास भले ही कनाडा की नागरिकती हो, लेकिन उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ है.
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का करीबी रहा है. वो पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा है. इसलिए पाकिस्तान को अब डर लग रहा है कि तहव्वुर राणा 26/11 के मामले में पाकिस्तान की पूरी पोल खोल देगा. दुनिया को बता देगा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और पाक सरकार सब मिलकर आतंक फैलाते हैं. तीन साल पहले ही पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर आया है. इसका कारण बताया गया कि उसने आतंकियों की फंडिंग रोकी है.
हालांकि, हकीकत ये है कि जब पाकिस्तान को ये राहत दी गई तभी पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने का विस्तार हो रहा था. पाकिस्तान एक तरफ आतंक को लेकर दुनिया की आंख में धूल झोंक रहा है, तो वहीं हाफिज-मसूद की सुरक्षा को लेकर डरा हुआ है. पाकिस्तान का असली डर हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को लेकर है कि कहीं भारत उनको भी सौंपे जाने की मांग तेज न कर दे.
इसके अलावा जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के अंदर भारत में हमला करने वाले ढेर हो रहे हैं, उससे पहले ही घबराया हुआ है. ये खौफ हाफिज सईद के करीबी अबू कताल की हत्या के बाद बढ़ गया है. हाफिज के इस करीबी ने कश्मीर में तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया था, लेकिन उसे आईएसआई भी नहीं बचा पाई. पाकिस्तान की मुसीबत ये है कि उसे तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद हाफिज-मसूद को लेकर दबाव बढ़ने का डर है.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.

हरियाणा के पानीपत में सामने आई 'साइको किलर' महिला की कहानी ने लोगों को सदमे में डाल दिया है. पढ़ी-लिखी, शांत और साधारण दिखने वाली पूनम असल में ऐसी साइको किलर निकली, जिसने दो साल में चार मासूम बच्चों की जान ले ली, जिनमें उसका अपना तीन साल का बेटा भी था. पुलिस की पूछताछ में वह कहानी सामने आई, जिसने हर किसी को भीतर तक हिला दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी के साथ किया. इस मुलाकात की सबसे खास बात वह तोहफा था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त पुतिन को दिया. डिनर के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की. यह उपहार उनकी दोस्ती और सम्मान को दर्शाता है. जानें कैसा रहेगा पुतिन का आज का शेड्यूल?







