दिल्ली दंगों की जांच में पुलिस की मंशा को लेकर AAP ने उठाए सवाल, कोर्ट की टिप्पणियों का दिया हवाला
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आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस की कमजोर इन्वेस्टिगेशन पर कोर्ट ने फिर से सवाल खड़े किए हैं. दिल्ली पुलिस दंगे मामले की ठीक से जांच नहीं करना चाह रही है. 750 में से 35 केस में ही चार्जशीट दाखिल हुई है, इसलिए कोर्ट सवाल खड़े कर रही है कि दिल्ली पुलिस जांच नहीं करना चाहती है.
फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगो को लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी ने कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए इस मामले में हुई गिरफ्तारियों पर भी सवाल खड़े किए हैं. AAP प्रवक्ता आतिशी ने कहा, 'इस देश की हर कोर्ट दिल्ली पुलिस से सवाल पूछ रही है. शुरुआत में दिल्ली हाई कोर्ट ने भड़काऊ बयान पर एक्शन नहीं लेने को लेकर सवाल पूछे थे. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि पुलिस कॉन्स्टेबल को गवाह के तौर पर ला रहे हैं तो ऐसा लगता है कि गवाह फर्जी हैं.'पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आखिरकार माना है कारगिल युद्ध पाकिस्तान की गलती का नतीजा था. मसलन, उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था. तब आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने गुप्त रूप से अपनी सेना कारगिल में भेजी थी, जिसकी वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ गया था.
डीसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) वीरेंद्र विज ने बताया कि शिक्षक संजू वर्मा ने लड़की को पहले इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद आरोपी शिक्षक ने ऐप पर उसे "अश्लील" मैसेज भेजने शुरू कर दिए. मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
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