थाईलैंड की युवती की कोरोना से मौत, फिर भी गुत्थी उलझी, कई सवाल भी खड़े हुए
AajTak
थाईलैंड से लखनऊ आई युवती की कोरोना से 3 मई को मौत हो गई थी. उसकी मौत की गुत्थी अब उलझती जा रही है. साथ ही कई तरह के सवाल भी खड़े होते जा रहे हैं.
थाईलैंड की 41 वर्षीय स्पा वर्कर युवती की कोरोना से मौत के मामले में दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस मामले की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने के लिए लखनऊ पुलिस की अलग टीम भी बन गई है जो लगातार जांच में लगी है. पर कई ऐसे सवाल भी हैं जिनके जवाब नहीं हैं. इस मामले को लेकर लोकल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एलआईयू) पर भी सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक किसी भी विदेशी के शहर आने पर एलआईयू के पास ब्योरा दर्ज करवाना जरूरी है. इसके अलावा एलआईयू भी विदेशी टूरिस्ट की निगरानी करती है. खासकर कोरोना काल में एलआईयू को विदेशी युवती पर नजर रखनी चाहिए थी. बावजूद इसके पूरे मामले में एलआईयू की टीम अनजान कैसे बनी रही? विदेश से आई युवती क्वारनटीन हुई या नहीं? पॉजिटिव आने के बाद उसकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हुई या नहीं? जिम्मेदारों के पास जवाब नहीं.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.