
तिरुपति के प्रसादम लड्डू में फिश ऑयल और चर्बी वाला विवाद क्या है, समझिए जांच रिपोर्ट में क्या-क्या है?
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायूड ने एनडीए की सरकार बनाई.
आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है. प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है. इस पूरे घटनाक्रम से पूरे देश के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग किया जाना चाहिए. चूंकि, ये मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है. ऐसे में सवाल है कि पवित्र प्रसाद में किसने और क्यों मिलावट की? जांच किसने कराई और किस लैब ने की? रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है? आइए जानते हैं यह पूरा विवाद क्या है?
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायूड ने एनडीए की सरकार बनाई. 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई. इसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं.
CALF (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) में विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है.
अब 18 सितंबर को आई रिपोर्ट
हालांकि, 22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक की और फिर 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए. इसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई. सीएम नायडू ने सीधे तत्कालीन जगन सरकार को कठघरे में खड़ा किया. नायडू सरकार ने कहा, पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है. मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है और लोगों की आस्था से भी बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ. मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है. जो अभी रिपोर्ट सामने आई है, वो जुलाई की है.

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