'तहरीक-ए-हुर्रियत' पर सरकार ने लगाया बैन, J-K में इस्लामिक शासन लागू करने के लिए साजिश रचने का आरोप
AajTak
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन पर प्रतिबंध लगाया है. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आतंकवादी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर UAPA के तहत बैन लगाया गया है.
जम्मू-कश्मीर को आतंक से मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार लगातार एक्शन में है. मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) के बाद अब सरकार ने तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध लगाया है. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आतंकवादी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर UAPA के तहत बैन लगाया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर बताया, 'तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर को UAPA के तहत एक 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है.
गृहमंत्री ने लिखा, "यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है. यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रख रहा है. आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा."
भारत सरकार ने क्यों लगाया बैन?
भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन के बारे में बताया कि ये जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा फैला रहा है. ये लोग आतंकियों को श्रद्धांजलि देते हैं और पत्थरबाजी को बढ़ावा देते हैं. संगठन के लोग भारतीय कानून का पालन नहीं करते और कश्मीर को भारत से अलग मानते हैं. सरकार ने चार दिन में कश्मीर में सक्रिय दूसरे बड़े संगठन, जो आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, पर एक्शन लिया है.
मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) पर भी बैन
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.