तरुण तेजपाल को बरी किए जाने पर महिला पत्रकारों ने निराशा जताई, कहा- न्याय पाने की लड़ाई कठिन
The Wire
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.
नई दिल्ली: बीते शुक्रवार को तहलका के पूर्व संपादक तेजपाल को गोवा की एक सत्र अदालत ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया. तेजपाल पर उनकी एक महिला सहयोगी ने गोवा में एक होटल की लिफ्ट में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. The hell of being yanked around by police, courts, repeatedly to Goa. The hell of having this case tied to her neck like an albatross. The hell of systematic slander campaigns against her by TT & Friends. Her integrity being smeared in court and in social parties. अदालत के इस फैसले को लेकर महिला कार्यकर्ताओं और महिला पत्रकारों के संगठनों ने निराशा जाहिर की है और मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. — Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) May 21, 2021 इंडियन वुमन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल को बरी करने का फैसला निराशाजनक है और महिलाओं के लिए न्याय पाने की लड़ाई कठिन हो गई है. महिला पत्रकारों के संगठन ने मामले में गोवा सरकार द्वारा फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने के फैसले का स्वागत किया.More Related News