तड़पते रहे घरवाले, वो मारता रहा, बच्चों पर भी नहीं आया रहम... खुद ही दी रिश्तेदारों को 6 मौत की खबर
AajTak
अजीत ने अपने भैया और भाभी को मारने के लिए लगभग 15 रोज़ पहले ही एक केमिस्ट की दुकान से तकरीबन दस नींद की गोलियां खरीद ली थी, जिन्हें वो वारदात से पहले सबके खाने में मिला देना चाहता था, ताकि सारे लोग गहरी नींद में सो जाए और उसके लिए अपने भैया-भाभी का क़त्ल करना आसान हो जाए.
Sitapur Mass Murder Case: यूपी में सीतापुर के गांव पाल्हापुर में हुए सामूहिक हत्याकांड ने सबको दहला कर रख दिया. गांव के उस मकान में कत्ल-ए-आम की वारदात बेशक 10 और 11 मई की दरम्यानी रात को हुई, लेकिन कातिल ने इसकी तैयारी वारदात से कम से कम 15 रोज पहले ही कर ली थी. कातिल यानी घर का छोटा बेटा अजीत सिंह अपने बड़े भाई अनुराग और उसकी बीवी प्रियंका का ही क़त्ल करना चाहता था, लेकिन वारदात वाली रात हालात कुछ ऐसे बने उसने एक-एक कर ना सिर्फ अपने भाई के पूरे परिवार की, बल्कि अपनी बुजुर्ग मां की भी जान ले ली और तो और भैया और भाभी के तीन छोटे-छोटे बच्चों को भी नहीं बख्शा.
कत्ल से पहले सबको बेहोश करना चाहता था कातिल अजीत ने अपने भैया और भाभी को मारने के लिए लगभग 15 रोज़ पहले ही एक केमिस्ट की दुकान से तकरीबन दस नींद की गोलियां खरीद ली थी, जिन्हें वो वारदात से पहले सबके खाने में मिला देना चाहता था, ताकि सारे लोग गहरी नींद में सो जाए और उसके लिए अपने भैया-भाभी का क़त्ल करना आसान हो जाए, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आ गया, जब सारी तैयारी के बावजूद 10 मई की रात को अनुराग और उसकी फैमिली ने डिनर करने से ही मना कर दिया.
साजिश को हर हाल में पूरा करना चाहता था अजीत असल में अनुराग, उसकी पत्नी और तीनों बच्चे उस रात बाहर गए थे. घर में अजीत ने उनके पीछे से खिचड़ी में नींद की गोलियां मिला दी और अनुराग, प्रियंका और बच्चों के लौटने का इंतज़ार करने लगा. लेकिन घर आने के बाद सबने बताया कि वो रात का खाना बाहर से खा कर आए हैं और इसलिए वो डिनर नहीं करेंगे. जिससे अजीत को क़त्ल की प्लानिंग में पहला झटका लगा. उसे समझ में आ गया कि अगर घरवालों ने नींद की गोलियों वाली खिचड़ी नहीं खाई, तो भैया-भाभी का कत्ल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि उनकी नींद जल्दी खुल जाएगी. लेकिन इसके बावजूद वो अपने प्लान पर अड़ा रहा और उसी रात उसने वारदात को अंजाम देने का फैसला किया.
कत्ल नंबर 1 और 2पहले भाभी और फिर किया था मां का कत्ल हुआ यूं कि अजीत ने रात करीब 2 बजे पहली मंजिल पर बने प्रियंका सिंह और उसके बच्चों के बेडरूम का मेन स्विच ऑफ कर दिया, जिससे एसी और पंखे सब बंद हो गए और नींद खुलने की वजह से प्रियंका अपने कमरे से बाहर आ गई. अजीत इसी मौके का इंतजार कर रहा था. उसकी पहले तो अनुराग और प्रियंका के साथ जमीन जायदाद को लेकर चल रहे विवाद को लेकर फिर से कहासुनी हुई और फिर तब उसने प्रियंका को अपने पास मौजूद .315 बोर के तमंचे से गोली मार दी. और बस इस एक फायरिंग के साथ एक-एक कर छह क़त्ल के ख़ौफ़नाक सिलसिले की शुरुआत हो गई.
कत्ल नंबर - 3ऐसे ली अपने बड़े भाई की जान अपनी भाभी यानी प्रियंका सिंह पर चलाई गई गोली की आवाज सुनते ही बगल के कमरे में सो रही अनुराग और अजीत की बुजुर्ग मां सावित्री की नींद खुल गई. और उन्होंने देख लिया कि अजीत ने घर की बड़ी बहू को गोली मार दी है. जिससे घबरा कर उसने अपनी मां को ही टारगेट कर लिया और हथौड़े से उनका सिर कूच कर फौरन उनकी भी जान ले ली. अब तक अजीत के सिर पर खून सवार हो चुका था. दो-दो क़त्ल करने के बाद अब वो अपने भाई अनुराग को मारना चाहता था, क्योंकि उसके लगता था कि प्रॉपर्टी और लोन को लेकर भैया और भाभी के रवैये के चलते ही उसे जिंदगी में सारी परेशानियां हो रही हैं. तो दो कत्ल करने के बाद वो सीधे अनुराग के कमरे में गया और वहां सो रहे अपने भाई के सिर में बिल्कुल करीब से उसी तमंचे से गोली मार दी. और इस तरह चंद मिनटों के अंदर ही तीन-तीन लोगों का क़त्ल हो गया.
कत्ल नंबर - 4बड़ी भतीजी का मार दी गोली अब अजीत ने आधी रात को ही अनुराग और प्रियंका की बड़ी बेटी आरना को उठा कर ये समझाने की कोशिश की कि उसके पापा यानी अनुराग ने उसकी मां और दादी की हत्या कर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली है. लेकिन आरना ये बातें सुन कर बुरी तरह से घबरा गई और जोर-जोर से रोने और चिल्लाने लगी. इसके साथ ही बाकी के दो बच्चों की भी नींद खुल गई और वो भी रोने लगे. और तब अजीत ने वो किया, जो करने से पहले कोई शैतान भी सौ बार सोचेगा. पहले तो उसने अनुराग के कमरे में ही उसकी बड़ी बेटी आरना को एक गोली मार दी, जो उसके गले में लगी.
दिल्ली में लगातार जल संकट बढ़ रहा है. कई इलाके पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया, लेकिन इस संकट का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. SC ने आम आदमी पार्टी की सरकार से साफ कह दिया कि वो इस मामले में अपर यमुना रिवर बोर्ड में जाएं और मानवीय आधार पर अतिरिक्त पानी की मांग करें. हिमाचल सरकार ने पहले 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने की बात कही थी.