
डीएम जी. कृष्णैया हत्या कांडः पहले भीड़ ने किया लिंच, फिर बाहुबली ने मार दी थी गोली, अब आनंद मोहन सिंह काट रहा है उम्रकैद की सजा
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जी. कृष्णैया मूलत: तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे. वह बिहार कैडर में 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी थे. वे दलित समुदाय से आते थे और बेहद साफ-सुथरी छवि वाले ईमानदार अफसर थे.
बिहार की सियासी जमीन पर जगह तलाश रही पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक बार फिर डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड को हवा दे दी है. The Plurals Party पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस हत्या के दोषी माफिया आनंद मोहन सिंह को बचाने का आरोप लगाया है. आइए जान लेते हैं, जी. कृष्णैया हत्या कांड की पूरी कहानी.
कौन थे जी. कृष्णैया?
जी. कृष्णैया मूलत: तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे. वह बिहार कैडर में 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी थे. वह दलित समुदाय से आते थे और बेहद साफ सुथरी छवि वाले ईमानदार अफसर थे. साल 1994 में जी. कृष्णैया गोपालगंज के जिलाधिकारी यानी डीएम थे.
5 दिसम्बर, 1994
यही वो तारीख थी, जिसने पूरे देश को दहला दिया था. दरअसल, उस दिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया एक विशेष बैठक में भाग लेकर वापस गोपालगंज लौट रहे थे. वो अपनी लालबत्ती वाली सरकारी कार में सवार थे. उनके साथ एक सरकारी गनर और ड्राइवर कार में मौजूद थे. उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि आगे हाइवे पर क्या हंगामा हो रहा है.
गैंगस्टर की हत्या से नाराज लोगों का प्रदर्शन

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