
ट्रंप ने बदल दिया गाजा का नक्शा... इजरायल बॉर्डर पर बनेगा बफर जोन, नए मैप में ब्लू-येलो-रेड लाइन को समझें
AajTak
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पेश गाजा प्लान पर यदि सचमुच सहमति बन जाती है तो गाजा युद्ध बंद हो जाएगा और 72 घंटे के अंदर ही हमास को सभी जीवित बंधंकों को वापस करना पड़ेगा और मृत बंधकों का पार्थिव शरीर लौटाना होगा. इजरायल भी इसके एवज में 250 हमास कैदियों को रिहा करेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को खत्म करवाने के लिए नया प्लान तैयार किया है. उन्होंने व्हाइट हाउस में इस प्लान को जारी किया. ट्रंप ने यह भी कहा है कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतान्याहू इस प्लान से सहमत हैं. इसके साथ ही ट्रंप ने गाजा का नया नक्शा तैयार किया है. इस नक्शे के अनुसार गाजा और इजरायल के बीच अब हमेशा के लिए एक बफर जोर रहेगा. यानी कि इस रेखा के पार न तो इजरायली सैनिक जा सकेंगे, न ही फिलीस्तीन के लोग आ सकेंगे.
ट्रंप ने कहा कि इजरायल और अन्य देशों ने उनके द्वारा बताई गई रूपरेखा को स्वीकार कर लिया है.
ट्रंप ने कहा, "अगर हमास इसे स्वीकार कर लेता है, तो इस प्रस्ताव में सभी शेष बंधकों को तुरंत रिहा करने का प्रावधान है, लेकिन किसी भी स्थिति में 72 घंटे से ज़्यादा समय नहीं लगेगा." इस प्रावधान के तहत हमास को सभी जीवित और मृत बंधकों को रिहा करना होगा.
इजरायल-गाजा बॉर्डर पर बफर जोन
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जारी नक्शे में तीन लाइनें हैं. नीली, पीली और लाल. इसके बाद बफर जोन है. नीली वो रेखा है जहां तक अभी इजरायली रक्षा बलों का नियंत्रण है. ये रेखा खान यूनुस के पास है.
इसके बाद राफा से होकर पीली रेखा गुजरती है. इसे फर्स्ट विदड्राअल लाइन कहा गया है. इस पीली रेखा का मतलब है कि बंधकों के छोड़े जाने के साथ ही इजरायली सेना पीली रेखा तक आ जाएगी.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






