टॉयलेट साफ कराए-जमीन पर सुलाया, हॉस्टल से भागी लड़कियों ने डिप्टी कमिश्नर को सुनाई आपबीती
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छात्राओं ने बताया कि उन्हें बासी खाना खिलाया जाता है और शौचालय साफ करने के लिए मजबूर किया जाता है. इसके अलावा लड़कियों को भीषण ठंड में जमीन पर केवल चटाई बिछाकर या कई बार सीधे जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया जाता है.
झारखंड के चाईबासा स्थित कस्तूरबा गांधी रेजिडेंशियल स्कूल से 60 से ज्यादा लड़कियां हॉस्ट वॉर्डन की शिकायत लेकर देर रात स्कूल से भाग निकलीं. लड़कियां 17 किमी पैदल चलकर अपनी शिकायत लेकर डिप्टी कमिश्नर के पास पहुंची. इन लड़कियों ने डीसी को अपनी आपबीती सुनाई.
छात्राओं ने बताया कि उन्हें बासी खाना खिलाया जाता है और शौचालय साफ करने के लिए मजबूर किया जाता है. इसके अलावा लड़कियों को भीषण ठंड में जमीन पर केवल चटाई बिछाकर या कई बार सीधे जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया जाता है. छात्राओं ने बताया कि विरोध करने पर वार्डन द्वारा उनकी पिटाई भी की जाती है.
सोमवार सुबह करीब 7 बजे खूंटपानी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 11वीं कक्षा की छात्राएं डिप्टी कमिश्नर अनन्या मित्तल से शिकायत करने के लिए चाईबासा स्थित समाहरणालय पहुंचीं. छात्राओं की इस हरकत से जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. डीसी के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) अभय कुमार शील ने मौके पर पहुंचकर छात्राओं की शिकायतें सुनीं.
उन्होंने छात्राओं को आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराकर वार्डन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि जब अधिकारी निरीक्षण के लिए स्कूल गए तो वार्डन ने छात्राओं को वरिष्ठ अधिकारियों से झूठ बोलने के लिए भी मजबूर किया. चाईबासा पहुंचने के बाद छात्राओं ने स्थानीय कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को फोन लगाया, जिन्होंने डीसी को छात्राओं की हरकत की जानकारी दी. डीएसपी अभय कुमार ने कहा है कि मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की जाएगी.
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