
'ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, भगवान शंकर का मंदिर है, इसे मस्जिद कहना बंद करो' छिंदवाड़ा में बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
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ज्ञानवापी पर अब कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान आया है. बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि ज्ञानवापी कोई मस्जिद नहीं है. इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए. इतना ही नहीं शास्त्री ने ज्ञानवापी को भगवान शंकर का मंदिर बताया है.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में रामकथा करने पहुंचे बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दिया है. सोमवार को जब उनसे ज्ञानछिवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने ज्ञानवापी को मस्जिद मानने से इनकार कर दिया. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ज्ञानवापी कोई मस्जिद नहीं है, वह भगवान शंकर का मंदिर है. उसे मस्जिद कहना बंद किया जाना चाहिए.
दरअसल, कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आमंत्रण पर छिंदवाड़ा के समरिया में रामकथा का वाचन करने पहुंचे हैं. यहां कमलनाथ खुद और उनके बेटे नकुलनाथ परिवार सहित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने पहुंच रहे हैं. इसके अलावा कार्यक्रम क्षेत्र में रोजाना हजारों लोगों की भीड़ भी जुट रही है.
हम हमेशा सब जगह जाते हैं: शास्त्री
पंडित धीरेंद्र शास्त्री से जब कथा और एमपी के आगामी चुनावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह सियासी आदमी नहीं हैं, उन्हें इससे दूर रखा जाना चाहिए. छिंदवाड़ा में कथावाचन पर उन्होंने कहा कि उन्हें छिंदवाड़ा आकर अच्छा लगा, हम हमेशा से सब जगह जाते हैं. कमलनाथजी धाम भी गए थे. सनातन सबका है. धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा,'हमारे लिए सब समान हैं, पूरा विश्व एक सा है. जो बालाजी का है, वह हमारा है. हमारा संकल्प पूरा हो रहा है.' उन्होंने नूंह हिंसा पर कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि सनातनी हिंदुओं को इस प्रकार का कार्य देखना पड़ रहा है. इसलिए जागो.
हवाई पट्टी से शास्त्री को घर ले गए कमलनाथ
कथा से पहले जब धीरेंद्र शास्त्री छिंदवाड़ा पहुंचे थे तो स्वागत के लिए खुद कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ हवाई पट्टी पर पहुंचे थे. वे यहां से धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर ले गए. घर पर कमलनाथ ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का तिलक लगाकर स्वागत किया. कथा से पहले ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के स्वागत में पूरा छिंदवाड़ा शहर पोस्टरों से पटा पड़ा है. इसके साथ ही कमलनाथ और नकुलनाथ के फोटो के साथ कमलनाथ की बनवाई गई 108 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति का फोटो भी है.

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