जलवायु परिवर्तन, उत्सर्जन और अर्थव्यवस्था..., G20 से संयुक्त राष्ट्र को किन मामलों पर हैं अपेक्षाएं
AajTak
गुटारेस ने कहा कि G20 से कई अपेक्षाएं हैं. पहली तो यह कि जी20 को सतत विकास से जुड़े लक्ष्यों को लेकर नेतृत्व दिखाना होगा और अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी. इसके साथ ही प्रति वर्ष कम से कम $500 बिलियन का एसडीजी प्रोत्साहन देने की अपेक्षा है. इस दौरान जलवायु पर भी बात होने की अपेक्षा है.
G20 सम्मेलन में शिरकत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस भारत पहुंच गए हैं. इस मौके पर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. यह बहुत ही चुनौतिपूर्ण समय है. हर देश को स्वतंत्र तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. इस तरह के तरीके खोजे जाने चाहिए कि क्लाइमेट बदलावों से निपटने के लिए विकसित देश विकासशील देशों की मदद करें. इसीके साथ G-20 समिट में संयुक्त राष्ट्र की अपेक्षाएं जलवायु से जुड़ीं चुनौतियों को लेकर भी हैं.
जी20 से कई अपेक्षाएं गुटारेस ने कहा कि G20 से कई अपेक्षाएं हैं. पहली तो यह कि जी20 को सतत विकास से जुड़े लक्ष्यों को लेकर नेतृत्व दिखाना होगा और अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी. इसके साथ ही प्रति वर्ष कम से कम $500 बिलियन का एसडीजी प्रोत्साहन देने की अपेक्षा है. ऐसे तरीके खोजने की ज़रूरत है ताकि विकसित देश विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकें. उत्सर्जन कम करें.
विनाशकारी जलवायु स्थिति का सामने कर रहे हैं हमः गुटारेस संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इन सबके साथ उनकी दिलचस्पी जी-20 में एकत्रित हो रही उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकसित देशों को देखने में होगी. उन्होंने कहा कि हम एक विनाशकारी जलवायु स्थिति का सामना कर रहे हैं और विकासशील देशों को अनुकूलन बनाने के लिए जलवायु कार्रवाई के आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षा का सामना कर रहे हैं. यह भी अपेक्षा है कि सम्मेलन के दौरान सभी देश उत्सर्जन को कम करने को बढ़ती महत्वाकांक्षा के लिए एकजुट दृष्टिकोण के रूप में आने में सक्षम हो सकें.
चीन और रूस पर क्या बोले गुटारेस? चीन और रूस के प्रमुखों के G20 में भाग न लेने पर उन्होंने कहा कि, यह बेहद चुनौतीपूर्ण क्षण है. देशों को स्वतंत्र रूप से जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जी20 स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारी संभालेगा. इसके साथ ही गुटारेस ने यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठाया है.
गुटारेस ने कहा कि मैं एक अफ्रीकी देश की उपस्थिति का समर्थन करता हूं. उन्होंने कहा कि कम से कम सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में, मैं देख सकता हूं कि अफ्रीका की मजबूत भागीदारी के लिए ब्रेटन वुड्स प्रणाली में सुधार करना आवश्यक है और निःसंदेह मुझे अफ्रीकी संघ को जी-20 के सदस्य के रूप में देखकर बहुत खुशी होगी.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.