जम्मू-कश्मीर में यूरोपीय संघ के दौरे पर बोले BJP प्रदेश अध्यक्ष- कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा हमने नहीं नेहरू ने बनाया
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BJP के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि ''हम केवल पाकिस्तान के झूठ को काउंटर करने की कोशिश कर रहे हैं. ये हम नहीं हैं बल्कि जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाकर कश्मीर मुद्दे का अंतराष्ट्रीयकरण किया था.''
जम्मू कश्मीर में एक बार फिर यूरोपीय संघ का एक प्रतिनिधि समूह टूर पर आ रहा है. जिसे लेकर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगा रहा है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रही है. साथ ही विपक्ष का ये भी आरोप है कि सरकार विदेशियों को तो जम्मू कश्मीर में जाने देती है लेकिन जम्मू कश्मीर के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजती. इन्हीं सब सवालों का जवाब देते हुए भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा है कि ''ये एक रूटीन यात्रा है इसमें कुछ भी नया नहीं है. इससे पहले भी विदेशी राजनयिक जम्मू कश्मीर भ्रमण के लिए आए हैं. हम इन विदेशी राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर की असली तस्वीर दिखाकर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करना चाहते हैं. विपक्षी पार्टियां हमें जम्मू-कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती हैं''राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.