
जब शाहरुख रिहर्सल के बाद लड़कियों को अपनी कार से छोड़ते थे घर, बैचमेट ने सुनाया किस्सा
AajTak
भारत के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक शाहरुख की हर कोई तारीफ करता है. उनके दोस्तों से लेकर उनसे सिर्फ एक बार मिलने वालों तक, हर व्यक्ति उनकी शख्सियत से तारीफ करते नहीं थकता. अब शाहरुख की एक बैचमेट ने बताया है कि वो हमेशा से इसी तरह के जेंटलमैन थे.
सुपरस्टार शाहरुख खान के लिए ये साल अद्भुत कामयाबी लेकर आया. 'जीरो' जैसी बड़ी फ्लॉप फिल्म डिलीवर करने के बाद बड़े पर्दे से गायब हुए शाहरुख इस साल 'पठान' के साथ लीड रोल में लौटे और उन्होंने धमाका कर दिया. अपने कमबैक पर शाहरुख ने बॉलीवुड को सबसे कमाऊ फिल्म दी. मगर वो यहीं नहीं रुके और साल के बीच में 'जवान' जैसी तूफानी ब्लॉकबस्टर के साथ आए, जिसने सारे रिकॉर्ड्स ही दोबारा से लिख डाले.
इन दो फिल्मों से साल के सबसे बड़े सुपरस्टार साबित हो चुके शाहरुख का इससे भी मन नहीं भरा और अब अपनी तीसरी फिल्म 'डंकी' से वो फिर जलवा बिखेर रहे हैं. इस धुआंधार कामयाबी के बावजूद शाहरुख अपने अपनी रियल शख्सियत के लिए जनता के फेवरेट रहे हैं. हाल ही में 'डंकी' के प्रमोशन के दौरान भी जिस तरह उन्होंने फैन्स के सवालों के जवाब सोशल मीडिया पर दिए, या मीडिया इंटरेक्शन में अपनी ट्रेडमार्क हाजिरजवाबी के साथ नजर आए, उसने लोगों का खूब दिल जीता.
शाहरुख के बात करने का लहजा हो, या अपनी साथ काम कर रहीं हीरोइनों के साथ उनकी शालीनता, उनकी शख्सियत जनता में उनकी किसी भी फिल्म से ज्यादा पॉपुलर कही जा सकती है. वो आज भले इंडियन सिनेमा के सबसे बड़े चेहरों में से एक हों, मगर अपने शुरूआती दिनों से ही उनकी ये पर्सनालिटी लोगों का दिल जीतती रही है. अब शाहरुख के साथ बैरी जॉन थिएटर ग्रुप में रहीं उनकी एक बैचमेट ने बताया है कि थिएटर करने के दिनों में भी शाहरुख इसी तरह के 'जेंटलमैन' थे जैसे वो आज हैं.
दिल्ली के दिनों से ही शालीन रहे हैं शाहरुख थिएटर के दिनों में शाहरुख की बैचमेट रहीं दीपिका देशपांडे अमीन ने राजश्री अनप्लग्ड के साथ एक बातचीत में बताया कि कैसे थिएटर में देर रात तक रिहर्सल के बाद, शाहरुख अपनी कार से लड़कियों को घर छोड़ा करते थे. उन्होंने कहा, 'शाहरुख और ऋतुराज हिडो लोग थे जिनके पास कार थी और वो सभी लड़कियों को उनके घर छोड़ा करते थे. ऐसा लगता था कि वो ट्रांसपोर्ट की गाड़ी है और सब उसमें लद जाते थे. शाहरुख के पास मारुती वैन थी और वो एक के बाद एक सबको घर छोड़ते थे. सबलोग एक दूसरे की मदद करते थे. हम सब साथ जाकर कॉस्टयूम खरीदते थे.'
शाहरुख में आज भी है वैसी ही एनर्जी दीपिका ने बताया कि शाहरुख में हमेशा से वैसी ही एनर्जी थी जैसी लोगों को आज भी उनमें दिखती है. उन्होंने आगे कहा, 'शाहरुख में तब जो एनर्जी थी, वो आज भी है. लोग उनकी एनर्जी की, उनके जोश की बात करते हैं. वो हमेशा कहते रहते थे- चलो अब ऐसा करते हैं, अब वैसा करते हैं' और वो सबकी बहुत मदद करते थे.'
शाहरुख के करियर की बात करें तो 'पठान' और 'जवान' के बाद उनकी तीसरी फिल्म 'डंकी' भी बॉक्स ऑफिस पर सॉलिड कमाई कर रही है. 5 दिन में ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 128 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर चुकी है. फिल्म में शाहरुख के साथ तापसी पन्नू, विक्की कौशल, अनिल ग्रोवर और विक्रम कोचर भी हैं.

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










