
चुनाव आयोग की स्वायत्तता: कितनी हकीकत, कितना फसाना! सुप्रीम कोर्ट ने रखा अपना नजरिया
AajTak
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा- सरकार भी यह जानती है कि जिनको वह आयुक्त और मुख्य आयुक्त नियुक्त कर रही है वो प्रावधान के मुताबिक अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. ऐसे में CEC स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाते. इस पर सरकार अपना रुख कोर्ट को बताए.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ ने चुनाव आयोग की स्वायत्तता की हकीकत और फसाने का जिक्र किया. इतिहास से वर्तमान तक की व्याख्या की. शुरुआती दौर में एकल सदस्यीय आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त से लेकर अब तीन सदस्यीय आयोग के आयुक्तों के कार्यकाल पर अपनी राय रखी. जस्टिस जोसफ ने पूर्ववर्ती मुख्य निर्वाचन आयुक्तों के कार्यकाल का जिक्र किया और कहा कि सुकुमार सेन के रूप में पहले, केवीके सुंदरम केस रूप में दूसरे और एसपी सेन के रूप में तीसरे CEC का कार्यकाल क्रमश: 8-8 और 4 साल का था. इससे उनके कार्यकाल काल की अवधि का पता चलता है.
जस्टिस जोसेफ ने आगे कहा- इसके साथ ही सरकार यह भी जानती है कि जिनको वह आयुक्त और मुख्य आयुक्त नियुक्त कर रही है वो प्रावधान के मुताबिक अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. ऐसे में CEC स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाते. इस पर सरकार अपना रुख कोर्ट को बताए. जस्टिस जोसफ ने कहा कि हम यह साफ देख सकते हैं कि UPA की सरकार रही हो या अभी की सरकार. हो यही रहा है और लगातार हो रहा है. CEC अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं.
चुनाव आयोग के आयुक्त यानी सदस्यों की नियुक्ति के लिए संविधान के ग्रे एरिया का इस्तेमाल सब अपने हित के लिए अपने हिसाब से इस्तेमाल करते रहे हैं. जस्टिस जोसेफ ने प्रोफेसर मुंशी की टिप्पणी का उदाहरण दिया और कहा- चुनाव आयोग के इस ग्रे एरिया को सही करने के लिए एक कानून होना चाहिए. ये सरकार का हिस्सा होने से तो इसकी एक स्वतंत्र भूमिका नहीं हो सकती है. आखिरकार यह सरकार से वित्तपोषित होता है.
उन्होंने आगे कहा- क्या हमें मूल सिद्धांत पर टिके रहना चाहिए या तो हमें एक ऐसे सिद्धांत को विकसित करने की आवश्यकता है जो हमारी परिस्थितियों के लिए सबसे उपयुक्त हो. वहीं, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि तय सिद्धांत तो यह है कि संविधान की मूल विशेषता को चुनौती नहीं दी जा सकती है. अदालत इसे असंवैधानिक घोषित नहीं कर सकती है. कोई कोर्ट इसे खत्म नहीं कर सकता.
जस्टिस जोसेफ ने कहा- इस अदालत द्वारा न्यायिक जांच के लिए खुले मामले वे हैं, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं. अदालत प्रावधान बढ़ा और बना सकती है, लेकिन जब संविधान के मूल प्रावधान यानी मूल भावना पर प्रहार की बात आती है तो यह संसद के लिए बहस का मुद्दा होता है ना कि अदालत के लिए. लिहाजा, अदालत को इस पर विचार ही नहीं करना चाहिए.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







