
चीनी भाषा और खानपान सिखाने वाले कन्फ्यूशियस संस्थानों पर क्यों भरोसा नहीं कर पा रहे देश, ऑस्ट्रेलिया में बंद हुए आधे इंस्टीट्यूट?
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कई ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटीज ने अपने यहां कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स (CIs) पर ताला डलवा दिया. ये चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस ने नाम पर चलते संस्थान हैं, जिनके तार सीधे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं. कई और देश भी इन्हें लेकर शक से भरे रहे और लगातार इन्हें बंद करने की बात करते रहे.
चीन नॉर्थ कोरिया की तरह बंद और गुपचुप तरीके से रहने वाले देश तो नहीं, लेकिन विस्तारवादी सोच के चलते उसके कई संस्थान अक्सर शक के घेरे में रहे. कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स (CIs) इनमें टॉप पर है. चीन के फिलॉसफर के नाम पर खुले ये इंस्टीट्यूट वैसे तो अपने देश की संस्कृति और भाषा सिखाने की बात करते हैं लेकिन अक्सर उनपर संवेदनशील जानकारियां जमा करने का आरोप लगता रहा.
कई देशों के बाद हाल में ऑस्ट्रेलिया में भी कई विश्वविद्यालयों ने ऐसे संस्थान बंद करवा दिए. अमेरिका में पहले ही एक्शन लिया जा चुका. लेकिन ऐसा क्या हुआ, और इन संस्थानों के बारे में हम क्या जानते हैं?
क्या हुआ ऑस्ट्रेलिया में
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 6 ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटीज ने अपने यहां चल रहे कन्फ्यूशियस संस्थान बंद करवा दिए. इनमें मेलबर्न, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स जैसी बड़ी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं. इस देश में चल रहे लगभग आधे संस्थान बंद करवाए जा चुके. दिलचस्प बात ये है कि यूनिवर्सिटीज ने इसके लिए कोविड के समय हुई रुकावटों को जिम्मेदार बताया. वहीं कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने नए CI खोलने पर रोक लगा दी.
किस आधार पर लगी रोक
सरकार ने आशंका जताई कि इन संस्थानों की वजह से नेशनल सिक्योरिटी और विदेशी हस्तक्षेप का खतरा हो सकता है. साल 2019 में देश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री डैन तेहान ने कहा था कि सरकार विश्वविद्यालयों में विदेशी असर पर काबू करने के तरीके खोज रही है, जिसमें कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स की रिव्यू भी होगी. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलियाई खुफिया संगठन (ASIO) ने भी विदेशी हस्तक्षेप के संभावित खतरों पर बात की थी. इन्हीं के आधार पर सरकार ने नए इंस्टीट्यूट खोलने पर पाबंदी लगा दी.

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