चीख पुकार, दम तोड़ती उम्मीद, बेबसी और तरस खाने वालों का तांता... नांदेड़ के अस्पताल में अब तक 37 मौतें
AajTak
महाराष्ट्र के नांदेड़ में सरकारी अस्पताल में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं. इसको लेकर पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. आरोप है कि अस्पताल में दवाई की कमी है, जिससे ऐसा हुआ. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज यहां बहुत सीरियस हो जाने पर आते हैं, इसलिए ये मौतें हुईं.
महाराष्ट्र के नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में मौत का आंकड़ा बढ़कर 37 पर पहुंच गया है. इस बीच अस्पताल में सियासी नेताओं की आवाजाही बढ़ गई है. लोगों को उम्मीद थी कि अच्छा इलाज होगा. उस उम्मीद की मौत हो गई. उम्मीद थी कि डॉक्टर में भगवान का रूप दिखेगा, उस उम्मीद की भी मौत हो गई और उम्मीद थी कि बच्चा ठीक होकर घर जाएगा, उस उम्मीद ने भी दम तोड़ दिया. अब उम्मीदों की मौत पर अजीबोगरीब मेला लगा है. लोग आ रहे हैं- इधर से- उधर से. कुछ तमाशा देखने तो कुछ तरस खाने.
लोगों का कहना है कि अस्पताल में दवाओं के स्टॉल लगा दिए गए हैं और उन पर सियासी नेम प्लेट चिपका दी गई है, लेकिन हकीकत बदल नहीं रही. असलियत छिप नहीं रही. अस्पताल को सियासी अखाड़ा बना दिया गया. कांग्रेस के नेताओं का आना-जाना बढ़ गया है. अस्पताल में 37 लोगों की जान गई है, कोई छोटी बात नहीं है.
मंगलवार को सांसद आए थे और अस्पताल के डीन से टॉयलेट की सफाई करवा दी थी. सांसद गए तो डीन ने पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया. सांसद पर केस दर्ज हुआ तो कहने लगे सफाई ही तो करवाई थी. घटनाक्रम को लेकर लोगों ने कहा कि आंसुओं की परवाह किसको है. हर तरफ सियासत की होड़ जरूर मची हुई है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा. वहीं शरद पवार ने भी इस घटना को दर्दनाक बताते हुए सरकार की आलोचना की.
अस्पताल में क्यों हो रही है दवाओं की कमी?
दरअसल, हाफकिन संस्था द्वारा दवाओं की खरीद बंद करने की वजह से महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो रही है. समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इस वजह से मरीजों को जान तक गंवानी पड़ रही है. नांदेड़ के शंकराराव चव्हाण सरकारी अस्पताल बीते दिनों में 37 मरीजों की जान जा चुकी है. इनमें 12 नवजात शिशु भी शामिल हैं. 70 लोगों की हालत गंभीर है. अस्पताल में मौतों की घटना से नांदेड़ में सनसनी फैल गई है.
Exit Poll: ममता और बसपा का एकला चलो, BRS का सफाया... 5 सियासी फैक्टर जो मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बने
एग्जिट पोल में तीसरी बार मोदी सरकार के अनुमान जताए गए हैं. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पांच पॉइंट में समझिए वो सियासी फैक्टर जो एग्जिट पोल में पीएम मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बनते दिख रहे हैं.
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन 25 से ज्यादा सीटें हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, महंगाई से आजादी के लिए वोट किया है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता का जनसैलाब तेजस्वी यादव के लिए प्यार दिखा रहा था. विरोधी दो दिन तक खुशफहमी में जी लें.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को प्रधानमंत्री मोदी का पोल बता दिया और उसे पूरी तरह से नकार दिया. राहुल गांधी ने दावा किया कि 'इंडिया गठबंधन' को 295 सीटें मिल रही हैं. सिद्धू मूसेवाला का गाने 295 जितनी हमारी सीटें आएंगी.
बैठक में खड़गे पार्टी उम्मीदवारों को 4 जून को काउंटिंग के दौरान एहतियात बरतने को लेकर दिशा निर्देश देंगे. मीटिंग में अध्यक्ष खड़गे के अलावा राहुल गांधी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. कांग्रेस ने यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है जब एक दिन पहले ही अंतिम दौर का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आए हैं.
देश में 543 लोकसभा सीटें हैं. इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, इस बार NDA को 361 से 401 सीटें मिल सकती हैं. जबकि INDIA ब्लॉक को 131 से 166 सीटें मिलने की उम्मीद है. पांच राज्य ऐसे हैं, जहां अनुमानों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. इनमें आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल का नाम शामिल है.