चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की बढ़ेगी मुश्किल, CBI ने किया जमानत का किया विरोध
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कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट में 16 अप्रैल को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. सीबीआई ने लालू प्रसाद की जमानत का विरोध किया है.
बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद प्रसाद की मुश्किलें बढ़ाने के लिए सीबीआई की ओर से नया दांव चल दिया गया है. सीबीआई की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जवाब पेश कर उन्होंने अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत का विरोध किया है. साथ में कहा कि अभी काफी सजा बाकी है. सीबीआई अपनी याचिका के माध्यम से लालू प्रसाद की जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में 7-7 साल की सजा दी गई है और निचली अदालत ने यह स्पष्ट आदेश दिया कि दोनों सजाएं एक साथ न चलकर अलग-अलग चलेंगी, यानी कि एक सजा 7 साल की पूरी होने के बाद दूसरी सजा 7 साल की चलेगी. ऐसे में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 14 साल की सजा मिली है. जिसमें अभी साढ़े 3 साल भी पूरे नहीं हुए हैं, उनकी कस्टडी की आधी सजा 7 साल जेल में रहने के बाद पूरी होती है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जाए.इससे पहले शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इस दौरान राष्ट्रपति ने मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए मनोनित किया. वह रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं. मोदी की अगुवाई में एनडीए ने 543 लोकसभा सीटों में से 293 सीटें जीती हैं.
याचिका के मुताबिक कोर्ट में अर्जी दाखिल करने वालों के संज्ञान में पेपर लीक के कई मामले आए थे. उम्मीदवारों का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिला.
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