चांद पर भी होंगे गली - मोहल्ले, बनेंगे घर... NASA की 'फ्यूचर प्लानिंग' ने धड़कन बढ़ा दी है!
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चांद पर घर होने की बात सोचने वालों के लिए अच्छी खबर है. नासा ने खुलासा किया है कि वो 2040 तक चंद्रमा पर घर बनाने की योजना बना रहे हैं. नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि वे पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह तक एक 3डी प्रिंटर विस्फोट करने की योजना पर काम कर रहे हैं.
रील की दुनिया से लेकर रियल लाइफ तक, तमाम लोग हैं जो चाहते हैं कि चांद पर उनका आशियां हो. सवाल ये है कि क्या कभी वो दिन आएगा जब लोग अपनी इस कल्पना को अमली जामा पहना पाएंगे? जवाब नासा ने दिया है. नासा ने खुलासा किया है कि वे 2040 तक चंद्रमा पर घर बनाने की योजना कैसे बना रहे हैं. नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि कैसे वे पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह तक एक 3डी प्रिंटर विस्फोट करने की योजना बना रहे हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा की धूल और चट्टान के चिप्स का उपयोग करके, चंद्र कंक्रीट बनाया जाएगा जिसका इस्तेमाल चंद्रमा की पहली इमारतों के निर्माण के लिए किया जाएगा.
नासा के टेक्नोलॉजी मैचुरेशन डायरेक्टर निकी वर्कहेसर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि, "हम एक अहम क्षण में हैं, और कई मायनों में यह एक सपने के सच होने जैसा है. निकी के मुताबिक वहां पहुंचने की अनुभूति ही कई मायनों में रोमांचकारी है. चंद्रमा की धूल, जिसके बारे में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह निर्माण प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित होगी, बहुत महीन है और ग्रह की सतह पर घूमती रहती है.
बताया ये भी जा रहा है कि यह बहुत विषैली है. लेकिन अगर पृथ्वी पर पाई जाने वाली मिट्टी और खनिजों का उपयोग करके घर बनाए जा सकते हैं, तो शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष में भी ऐसा करने की उम्मीद है.
गैरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपोलो कार्यक्रम के तहत जुलाई 1969 से दिसंबर 1972 के बीच चंद्रमा पर क्रूड मून लैंडिंग हुई फिर उसके बाद कोई चांद पर नहीं गया. नासा को उम्मीद है कि आर्टेमिस नाम का यह नया मिशन लोगों को चंद्रमा पर वापस लाएगा. ज्ञात हो कि पिछले नवंबर में, आर्टेमिस I, पृथ्वी पर लौटने से पहले, चंद्रमा का चक्कर लगाने के लिए केवल रोबोटों के साथ रवाना हुआ था.
आर्टेमिस II चार मानव दल को ले जाएगा, जिसमें अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला और पहला अश्वेत व्यक्ति शामिल होगा. इसकी योजना नवंबर 2024 के लिए बनाई गई है.यदि वो मिशन सफल होता है तो उस मिशन के एक साला बाद आर्टेमिस III को लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन की खास बात ये रहेगी कि इसमें 50 से अधिक वर्षों में पहली बार मनुष्य फिर से चंद्रमा पर अपने पैर रखेंगे.
बताते चलें कि नासा ने अपने 2040 लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ऑस्टिन, टेक्सास स्थित एक निर्माण तकनीकी फर्म ICON के साथ साझेदारी की है. ICON को 2020 में फिर उसके बाद 2022 में नासा से फंड प्राप्त हुआ उन्हें एक अंतरिक्ष-आधारित निर्माण प्रणाली विकसित करने की उम्मीद है जिसका उपयोग लूनर हाउसेस से लेकर रॉकेट लैंडिंग पैड तक सब कुछ प्रिंट करने के लिए किया जा सकता है.
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