गैंगरेप दोषियों की माफ़ी के गुजरात सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ बिलक़ीस की याचिका ख़ारिज
The Wire
अपनी याचिका में बिलक़ीस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें गुजरात सरकार को दोषियों की सज़ा पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी. उनका तर्क था कि सुप्रीम कोर्ट का यह विचार कि दोषियों को रिहा करने का फैसला करने के लिए गुजरात में ‘उपयुक्त सरकार’ है, दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के विपरीत है.
प्रक्रिया के अनुसार, शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं.
कक्ष में विचार करने के लिए यह याचिका 13 दिसंबर को जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ के समक्ष आई थी.
शीर्ष अदालत के सहायक पंजीयक द्वारा बिलकीस बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे गए संदेश में कहा गया है, ‘मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर उक्त पुनरीक्षण याचिका 13 दिसंबर 2022 को खारिज कर दी गई.’
बिलकीस ने एक दोषी की याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा 13 मई को सुनाए गए आदेश की समीक्षा किए जाने का अनुरोध किया था.