गुजरात: एक साल में राष्ट्रीयकृत बैंकों की 278 शाखाएं कम हुईं, निजी बैंकों की शाखाओं में बढ़ोतरी
The Wire
गुजरात राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा संचालित 5,257 शाखाओं की तुलना में 2020-21 में यह संख्या घटकर 4,979 हो गई है. दूसरी ओर निजी बैंकों की शाखाओं में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मार्च 2021 के अंत में 116 शाखाओं के जुड़ने के बाद इनकी शाखाओं की संख्या बढ़कर 2,225 हो गई है.
अहमदाबाद: राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी-गुजरात) द्वारा प्रकाशित हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों ने पिछले एक साल में गुजरात में 278 बैंक शाखाओं की कमी की है. इसकी तुलना में निजी बैंकों द्वारा संचालित शाखाओं की संख्या में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एसएलबीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा संचालित 5,257 शाखाओं की तुलना में, 2020-21 के दौरान यह संख्या घटकर 4,979 हो गई. एक एसएलबीसी अधिकारी ने कहा, ‘2019 के बाद से हुए विभिन्न एकीकरण का असर अब दिखने लगा है. देना बैंक और विजया बैंक का पहली बार 2019 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया था, उसके बाद 10 अन्य बैंकों को मिलाकर चार बैंक बनाए गए थे. एकीकृत बैंकों की शाखाएं जो एक-दूसरे के करीब स्थित थीं और जो अव्यवहार्य पाई गईं, उन्हें बंद कर दिया गया या मौजूदा शाखाओं में मिला दिया गया. एकीकरण एक बड़ी कवायद थी.’ जिन बैंकों का विलय हुआ है, उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा में पिछले एक साल के दौरान शाखाओं की संख्या में 14 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.More Related News