
'गंदा धर्म', ईदगाह और इफ्तार पार्टी... ममता से लेकर अखिलेश और नीतीश तक, किसे मिलेगी मुस्लिम वोटों की ईदी?
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कांग्रेस जो यूपी में बेहद कमजोर हालत में है, वहां संभव है कि कांग्रेस दलित और मुस्लिम के गणित पर खुद आगे मजबूत होना चाहे. ऐसे में पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक यानी पीडीए वाला फॉर्मूला जो अखिलेश यादव लेकर चलते हैं, उसी में कटाव हो सकता है. संभव है कि इसीलिए अखिलेश मुस्लिम वोट की ईदी अपने साथ चाहेंगे.
आज ईद का त्योहार है. ईद के दिन पर मित्रों और संबंधियों को दी जानेवाली सौगात को 'ईदी' कहा जाता है. आज बात मुस्लिम वोट वाली ईदी की तलाश करती सियासत की करेंगे. 2025 यानी इसी साल होने वाले चुनाव में बिहार के 18 प्रतिशत मुस्लिम वोटों की 'ईदी' की चाहत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नमाजियों के बीच पहुंचते हैं. 2026 यानी अब से करीब 11 से 12 महीने बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में हर दस में से तीन मुस्लिम वोटों वाली 'ईदी' की चाहत में ममता बनर्जी भी ईद की नमाज के बीच से मुस्लिमों को संबोधित करती हैं.
वो जो बयान देती हैं, उसका संबंध सिर्फ वोट की सियासी ईदी से है. इसी तरह तीसरा अहम चुनाव देश में 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का होना है, जहां लखनऊ के ईदगाह मैदान में अखिलेश यादव पहुंचते हैं. उत्तर प्रदेश में हर पांच वोटर में एक वोट मुस्लिम का है. क्या अखिलेश यादव को 2027 में वोट की ईदी मिलेगी?
ममता ने किसे कहा 'गंदा धर्म'?
शुरुआत पश्चिम बंगाल से करेंगे, जहां आरोप लग रहा है कि मुस्लिमों के बीच मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदू धर्म को 'गंदा धर्म' कहा. महाकुंभ को 'मृत्युकुंभ' कहने के बाद क्या ममता बनर्जी ने हिंदू धर्म को 'गंदा धर्म' कहा है? मीठी सेवइयों के त्योहार ईद के दिन सियासत में क्या वोट की ईदी की चाहत ने कड़वाहट वाला बयान घोल दिया?
यह भी पढ़ें: ममता बोलीं, बीजेपी ने 'गंदा धर्म' बनाया, BJP नेताओं ने किया पलटवार
कोलकाता में मुस्लिम नागरिकों के बीच ईद का त्योहार मनाने पहुंचीं ममता बनर्जी ने जो बयान दिया उससे सवाल खड़ा होता है कि आखिर ममता बनर्जी ने 'गंदा धर्म' किसे कहा? बीजेपी के आरोप पर तृणमूल कांग्रेस का दावा सुनकर लगेगा कि क्या बीजेपी वालों का हिंदू धर्म अलग है और टीएमसी का हिंदू धर्म अलग?

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