'खाली था स्टूडियो में मां के गहने बेच कर आए इक्विपमेंट, AR Rahman ने बताया कैसे सीखा संगीत
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एआर रहमान ने बताया कि कैसे उनके स्ट्रगल के दिनों में उनकी मां ने उनका बहुत साथ दिया. उनका स्टूडियो बनानेे के लिए मां ने अपने गहने बेच दिए थे. ये वो पल था जब सिंगर-म्यूजिक कम्पोजर की दुनिया बदल गई थी.
म्यूजिक मैस्ट्रो एआर रहमान आज किसी पहचान के मौहताज नहीं हैं. वो दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड ऑस्कर तक जीत चुके हैं. लेकिन उनके इस सुपरहिट करियर की शुरुआत इतनी जबरदस्त नहीं थी. एआर रहमान ने बताया कि उनकी मां को गहने बेचने पड़े थे, ताकि वो उन पैसों से म्यूजिकल इक्विपमेंट खरीद सकें.
मां ने बेच दिए गहने
नेटफ्लिक्स को दिए इंटरव्यू में एआर रहमान ने पुरानी यादें ताजा की. सिंगर ने बताया कि कैसे उनके परिवार ने उनकी हेल्प की. उनके स्ट्रगल के दिनों में उनकी मां ने उनका बहुत साथ दिया. ये वो पल था जब सिंगर-म्यूजिक कम्पोजर की दुनिया बदल गई थी.
एआर रहमान ने कहा- जब मैंने अपना स्टूडियो बनाया था तब मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं एम्प्लफायर या इक्वलाइजर खरीद सकूं. वहां सिर्फ एसी, एक शेल्फ और कार्पेट थी. मैं वहां बैठा करता था, बिना पैसों के जिससे मैं कुछ खरीद सकूं. मैंने उसे बनाया था, और मैं वहां बिना किसी इंस्ट्रूमेंट के बैठा रहता था. मेरा पहला रिकॉर्डर आया जब मेरी मां ने अपने गहने बेचे. तब मेरे अंदर एक अलग ही ताकत आई. मुझे हिम्मत मिली. मैं अपना फ्यूचर देख सकता था. उस एक पल ने मेरी जिंदगी बदल दी थी.
पढ़ाई नहीं की पूरी
एआर रहमान ने बताया कि वो कभी कॉलेज नहीं गए. एक वक्त आया था जब वो अपनी जिंदगी में कमी महसूस करते थे. उन्होंने कहा- मैं 12 साल का था, और मैं 40 और 50 साल के लोगों के साथ वाइब करता था. मैं उनके साथ बैठता था, बहुत कुछ सीखता था. मेरी बोरियत ने मुझे बाकी म्यूजिक और संगीत से रूबरू कराया. मैंने अलग तरह के संगीत को भी एक्सप्लोर किया. वो मेरे लिए बेहतरीन था. बहुत कुछ था जानने के लिए.
रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने 'सिंघम 3' को यूए सर्टिफिकेट दिया है. हालांकि फिल्म को कुछ बदलावों से भी गुजरना पड़ा. फिल्म को देख रही सेंसर बोर्ड की कमिटी ने पिक्चर में दो जगह 23 सेकेंड लंबे 'मैच कट' सीन को जरूरत के हिसाब से बदलने को कहा है. इसके अलावा कुछ सीन्स को डिलीट किया गया है.