
क्रूड प्राइस और मंदी का डर... अगर भारत ने रूसी तेल खरीदना किया बंद तो क्या-क्या होगा?
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अमेरिका द्वारा भारत के लिए अपनाए गए इस रुख को लेकर अब एक लेखक ने ट्रंप को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद करता है तो अमेरिका और ग्लोबल स्तर पर बड़ा संकट आ सकता है.
अगर भारत और चीन ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो कच्चे तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, और इससे ग्लोबल इकोनॉमी को भारी नुकसान होगा. ये कहना राजनीतिक विश्लेषक फरीद जकारिया का है. एक इंटरव्यू में फरीद जकारिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत पर 50% टैरिफ लगाने की नीति की कड़ी आलोचना की.
उन्होंने इसे 25 साल की अमेरिकी विदेश नीति के उलट बताया, जो भारत के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित थी. उन्होंने कहा कि रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त 2025 से लागू होगा, ये तर्कहीन है क्योंकि चीन, भारत से अधिक रूसी तेल खरीदता है.
ग्लोबल इकोनॉमी को होगा नुकसान! राजनीतिक एक्सपर्ट और लेखक फरीद जकारिया ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला बेतुका है और इसने अमेरिका में कई लोगों को हैरान किया है. जकारिया ने तर्क दिया कि अगर भारत और चीन रूसी तेल (Russia Oil) खरीदना बंद कर दें, तो कच्चे तेल कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं, जिससे ग्लोबल इकोनॉमी को नुकसान होगा.
अमेरिका की 25 साल पुरानी नीति को बदल रहे ट्रंप भारत पर ट्रंप के टैरिफ को उन्होंने 25 साल पुरानी अमेरिकी विदेश नीति का एक बड़ा उलटफेर माना है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध इससे कमजोर होंगे. लेखक ने कहा कि ट्रंप जो कर रहे हैं, वह हैरान करने वाला है. यह वास्तव में 25 साल पुरानी अमेरिकी विदेश नीति का उलटफेर है. अगर आप शीत युद्ध के बाद क्लिंटन प्रशासन को देखें, तो एक रणनीतिक फैसला लिया गया था कि अमेरिका भारत के करीब रहना चाहता है.
उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में हर अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम किया है और इसे एशिया में एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और आर्थिक सहयोगी के रूप में देखा है. जकारिया ने कहा कि ट्रंप अमेरिका की नीति को उलट रहे हैं, जो कभी अमेरिका के हित में फैसला लिया गया था.
भारत के साथ दोहरापन क्यों? 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ को लेकर जकारिया ने कहा कि चीन भारत से ज्यादा रूस से तेल खरीदता है, जिससे टैरिफ का औचित्य और भी गलत साबित होता है. ज्यादा दंडात्मक टैरिफ-रूसी तेल खरीदने का बहाना बेमानी है, क्योंकि चीन भारत से ज्यादा तेल खरीदता है.

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