
क्यों चर्चा में है स्टेल्थिंग, जो अब इस देश में भी गैरकानूनी! कंडोम यूज से जुड़ा है विवाद
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'स्टेल्थिंग' का मतलब है यौन संबंध के दौरान किसी की सहमति के बिना गुपचुप तरीके से कंडोम हटाना या उसमें छेड़छाड़ करना. ऐसा करने से साथी के यौन संचारित रोगों से संक्रमित या गर्भवती होने का खतरा रहता है. साथ ही यह विक्टिम की गरिमा का भी उल्लंघन करता है. ऑस्ट्रेलिया के राज्य क्वींसलैंड में अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है.
सहमति के अधिकार का दायरा कहां तक होना चाहिए? ये एक ऐसा सवाल है जिस पर दुनियाभर की अदालतों में लंबी बहसें हो चुकी हैं. लेकिन क्या इसका दायरा दो लोगों के निजी पलों तक भी पहुंचता है? इसी सवाल का जवाब ऑस्ट्रेलिया के राज्य क्वींसलैंड में बने नए कानून से मिला, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं हो रही हैं.
दरअसल, ये मामला था 'स्टेल्थिंग' का. 'स्टेल्थिंग' का मतलब है यौन संबंध के दौरान किसी की सहमति के बिना गुपचुप तरीके से कंडोम हटाना या उसमें छेड़छाड़ करना. ऐसा करने से पार्टनर के किसी रोग से संक्रमित होने या गर्भवती होने का खतरा रहता है. साथ ही यह विक्टिम की गरिमा का भी उल्लंघन करता है. ऑस्ट्रेलिया के राज्य क्वींसलैंड में अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है.
नए कानून के तहत, 'स्टेल्थिंग' को रेप के दर्जे में रखा गया है, यानी इस राज्य में अब उतना ही गंभीर अपराध माना जाएगा. इस फैसले ने दुनियाभर में एक बार फिर 'स्टेल्थिंग' पर बात होने लगी है.आइये जानते हैं 'स्टेल्थिंग' के उन पहलुओं के बारे में जो उन्हें क्राइम की कतार में खड़ा कर दिया.
कानून क्या कहता है? स्टेल्थिंग से निपटने के लिए इन देशों ने अलग-अलग कानूनी तरीके अपनाए
स्टेल्थिंग से जुड़े सबसे चर्चित मामलों में से एक जूलियन असांज का था, जहां 2010 में स्वीडन की यात्रा के दौरान दो महिलाओं से संबध बनाने के दौरान बिना सहमति के कंडोम हटाने का आरोप लगाया था.
अमेरिका के राज्य कैलिफोर्निया में भी ये कानून है. ये स्टेल्थिंग को सीधे अपराध घोषित नहीं करता. इसके बजाय, इसमें पीड़ित को हर्जाने के लिए मुकदमा दायर करने का अधिकार दिया गया है, जिससे सामान्य दंड का प्रावधान लागू होता है.

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