क्यों चमगादड़ों से फैलते हैं सबसे ज्यादा घातक वायरस, क्या हो अगर दुनिया से सारे चमगादड़ खत्म हो जाएं?
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चमगादड़ों से ज्यादा तबाही दुनिया में शायद ही किसी पशु ने मचाई हो. सूनी जगहों और अंधेरों में रहने वाले इस जीव में दुनिया की किसी भी स्पीशीज से ज्यादा वायरस होते हैं. सीधे कहें तो ये खतरनाक वायरसों की उड़ती हुई फैक्ट्री है. तो क्यों नहीं हम बैट्स को पूरी तरह खत्म कर देते! तब क्या हम SARS और MERS जैसी बीमारियों से बचे रहेंगे. या मामला और बिगड़ेगा.
केरल में निपाह वायरस के मामलों के बीच पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह के लक्षणों वाला एक मरीज दिखा. इस जानलेवा संक्रमण का कनेक्शन भी चमगादड़ों से है. चमगादड़ से कई तरह की घातक बीमारियां होती हैं. यहां तक कि दो सालों तक दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस भी इसमें पाया जाता है. इसके बाद भी एक्सपर्ट्स ने कभी ये नहीं कहा कि चमगादड़ों को खत्म कर दिया जाना चाहिए.
माना तो ये जाता है कि उन्हें खत्म करने पर इंसान भी खत्म हो जाएंगे. लेकिन कैसे? जो चमगादड़ हमें भूले-भटके ही दिखते हैं, उन्हें मारना क्यों हमें खत्म कर सकता है?
कोरोना वायरस के बाद से बैट्स पर खूब बात हुई. वैज्ञानिकों ने माना कि भले ही वायरस लैब से लीक हुआ हो, या सीधे फैला हो, लेकिन इसका सोर्स बैट ही थे. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी रिसर्च ये कहती है कि इस स्पीशीज में 13 हजार से ज्यादा वायरस होते हैं, जो किसी भी और प्रजाति से ज्यादा है.
कौन-कौन सी बीमारियां हो चुकी हैं ये एक लंबी लिस्ट है. आमतौर पर चमगादड़ों से फैली बीमारियां दुनिया के उन देशों में होती हैं जो इस पशु के सीधे संपर्क में आते हैं. बहुत बार ये मामले पता ही लग पाते. वैसे चमगादड़ों से सीधे कनेक्शन वाली कुछ बीमारियां ये हैं- मार्गबर्ग, इबोला, निपाह, सार्स, मर्स, रेबीज और कोरोना. मीजल्स और मम्प्स भी इसी से आए थे.
क्यों होते हैं इतने वायरस इसका सीधा जवाब एक्सपर्ट्स के पास भी नहीं. वे मानते हैं कि बैट चूंकि जंगलों या सीलनभरी पुरानी जगहों पर रहते हैं, तो उनमें वायरस होने के चांस ज्यादा रहते हैं. जर्म्स उन्हें ही अपना होस्ट चुनते हैं, जिनकी उम्र लंबी हो और जो यात्रा करते हों. बैट इस मामले में भी परफेक्ट हैं. उनकी उम्र 16 से 30 साल तक हो सकती है. साथ ही वे उड़ पाते हैं. ये वायरस को भी फैलने का मौका देते हैं.
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