
क्या 2024 का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे डोनाल्ड ट्रम्प? कोलोराडो कोर्ट के आदेश के बाद क्या है आगे का रास्ता
AajTak
कोलोराडो की अदालत ने डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिकी संविधान के विद्रोह खंड के तहत राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया है. यह मामला अमेरिकी संविधान के गृहयुद्ध के बाद के प्रावधान पर केंद्रित है, जो विद्रोहियों को सार्वजनिक पद पर काबिज होने से प्रतिबंधित करता है.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कोलोराडो में प्रेसिडेंशियल प्राइमरी बैलेट से रोक दिया गया. कोलोराडो की सर्वोच्च अदालत ने 19 दिसंबर को एक फैसले में कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएस कैपिटल हिल पर 6 जनवरी 2021 के हमले को उकसाकर फिर से चुनाव लड़ने का अपना अधिकार खो दिया है. हालांकि अदालत ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को देश के सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का समय देने के लिए अपने फैसले के तुरंत प्रभाव से लागू होने पर अस्थायी रोक लगा दी.
रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट का ये फैसला कोलोराडो में 5 मार्च, 2024 को होने वाले रिपब्लिकन प्राइमरी पर लागू होगा. डोनाल्ड ट्रम्प की कैम्पेन टीम ने कहा कि वह कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेरिकी सर्वोच्च अदालत में अपील दायर करेंगे. राज्य अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए उनके पास 4 जनवरी 2024 तक का समय है. इसके बाद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि वह इस केस पर सुनवाई करेगा या नहीं.
कोलोराडो कोर्ट के फैसले के बाद क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रम्प?
दरअसल, भारत की तरह ही अमेरिका के भी सभी 50 राज्यों में एक सर्वोच्च कोर्ट होता है. वहां इसे हर राज्य के सुप्रीम कोर्ट के रूप में जाना जाता है, जबकि भारत में इसे हाई कोर्ट कहा जाता है. इसके अलावा अमेरिका का एक मुख्य सुप्रीम कोर्ट है, जैसे दिल्ली में भारत का सुप्रीम कोर्ट है. अगर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट कोलोराडो की अदालत के फैसले को बरकरार रखता है, तो डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर हो जाएंगे और अगर शीर्ष अदालत राज्य न्यायालय के फैसले पर स्टे लगा देता है, तो ट्रम्प चुनाव लड़ने की योग्यता हासिल कर लेंगे.
कोलोराडो की अदालत ने डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिकी संविधान के विद्रोह खंड के तहत राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया है. यह मामला अमेरिकी संविधान के गृहयुद्ध के बाद के प्रावधान पर केंद्रित है, जो विद्रोहियों को सार्वजनिक पद पर काबिज होने से प्रतिबंधित करता है. उन पर 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने के लिए 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला करने के लिए अपने समर्थकों को उकसाने का आरोप है. अमेरिकी इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा 3 का उपयोग राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है.
ट्रम्प की टीम ने बाइडन और डेमाक्रेट्स पर लगाए आरोप

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







