कोर्ट ने सर्कसों में जानवरों की देखभाल में लापरवाही पर जीव जंतु कल्याण बोर्ड को फटकार लगाई
The Wire
दिल्ली हाईकोर्ट कोविड-19 की वजह से देशभर के सर्कसों में फंसे जानवरों की सुरक्षा के लिए पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स और फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल्स प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. हाईकोर्ट ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड अगली सुनवाई पर देशभर के सर्कसों में रखे गए सभी जानवरों की जानकारी का खुलासा करते हुए एक हलफ़नामा दायर करने को कहा है.
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड-19 के दौरान बंद किए गए सर्कसों के जानवरों के बारे में कोई जानकारी नहीं होने और बंदी जानवरों की देखभाल में लापरवाही बरतने के लिए सोमवार को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) को फटकार लगाई.
हाईकोर्ट ने एडब्ल्यूबीआई के सचिव को नौ फरवरी को अगली सुनवाई पर उनके समक्ष पेश होकर खामियों की व्याख्या करने और देशभर में सर्कस में रखे गए सभी जानवरों की जानकारी का खुलासा करते हुए एक हलफनामा दायर करने को कहा है.
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘एडब्ल्यूबीआई द्वारा हमारे निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है. मामले में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हम कोरोना महामारी की वजह से जूझ रहे चिड़ियाघरों में रखे गए जानवरों को लेकर चिंतित हैं. इन जानवरों की देखभाल और इनकी ओर ध्यान दिए जाने की कमी उनके लिए घातक हो सकती है. ऐसा लगता है कि एडब्ल्यूबीआई इस जरूरत के प्रति संवेदनशील नहीं है.’
अदालत ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण होने के बावजूद एडब्ल्यूबीआई को सर्कस में रखे गए जानवरों और वह किस स्थिति में रह रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है और यह बोर्ड की ओर से पूरी तरह से कर्तव्य की अवहेलना प्रतीत होती है.