केरल में प्री-मॉनसून एक्टिविटी शुरू, IMD ने इन जिलों में जारी किया भारी बारिश का रेड अलर्ट
AajTak
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार रात तक दक्षिणी विझिनजाम से उत्तरी कासरगोड तक केरल के तट पर 0.4 से 3.3 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरें उठने का अनुमान है. रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है.
केरल में प्री-मॉनसून गतिविधियां शुरू हो गई हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. IMD ने बुधवार को इडुक्की और पथानामथिट्टा जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया. इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. IMD ने बुधवार को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड सहित नौ जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया. इसके अलावा कन्नूर और कासरगोड के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार रात तक दक्षिणी विझिनजाम से उत्तरी कासरगोड तक केरल के तट पर 0.4 से 3.3 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरें उठने का अनुमान है. रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब 11 सेमी से 20 सेमी की बहुत भारी बारिश है, और येलो अलर्ट का मतलब 6 सेमी और 11 सेमी के बीच भारी बारिश है. स्वस्थ मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि लगातार भारी बारिश को देखते हुए महामारी से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग निदेशालय में एक कंट्रोल रूम खोला गया है.
कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम? मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, राजधानी और उसके आसपास हवा के पैटर्न में थोड़ा बदलाव आया है. एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा है, जो शुष्क है. यह ट्रफ रेखा उत्तरी राजस्थान से लेकर दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक चल रही है, जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी पड़ रही है.
लगभग 37 लाख की आबादी वाले मणिपुर के इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं. लेकिन पिछले 1 साल में मणिपुर में जो हुआ, इसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की होगी. अदालत के एक आदेश के बाद 3 मई 2023 को मणिपुर की घाटी और पहाड़ों में रहने वाले 2 समुदायों के बीच ऐसी जंग छिड़ गई थी, जिसका अभी तक अंत नहीं हो सका है. इंफाल समेत पूरी घाटी में रहने वाले मैतेई बहुल इलाकों और घाटी के चारों तरफ पहाड़ों पर रहने वाले कुकी आदिवासी बहुल इलाकों के बीच एक अनकही खाई बन गई है.
डीजीपी ने कहा, 'जब आप किसी खतरे या चुनौती के बारे में बात करते हैं तो आप देखते हैं कि यह कितना गंभीर या बड़ा है. चुनौतियां सीमा पार से आ रही हैं और टेरर हैंडलर्स ने तय किया है कि वे इस तरह की आतंकी गतिविधियां को जारी रखेंगे. वे देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दिन अब गिनती के रह गए हैं क्योंकि घाटी में आतंकी ढांचे को बड़ा झटका लगा है.'