केंद्र ने समलैंगिक शादी पर सुनवाई का किया विरोध, कहा- विवाह सर्टिफिकेट के बिना कोई मर नहीं रहा
The Wire
समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है. इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत में ऐसे विवाह का विरोध करते हुए कहा था कि हमारा समाज, हमारा कानून और हमारे नैतिक मूल्य इसकी मंजूरी नहीं देते. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में अपने एक फैसले में समलैंगिक यौन संबंध को सहमति प्रदान की थी, लेकिन इसमें समलैंगिकों की शादी का ज़िक्र नहीं था.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह को तमाम कानूनों के तहत मान्यता प्रदान करने के लिए दायर याचिका पर सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए विरोध किया और कहा कि इसके बिना कोई मर नहीं रहा है. लाइव लॉ के मुताबिक केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, ‘अस्पतालों में विवाह सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है, कोई इसके बिना मर नहीं रहा है.’ केंद्र सरकार ने इस मामले को टालने की गुजारिश की और कहा कि न्यायालय इस समय सिर्फ ‘बेहद जरूरी’ मामले सुन रहा है. इस पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने छह जुलाई तक इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल ने कहा कि सिर्फ न्यायालय द्वारा तय किया जाना चाहिए कि कौन सा मामला कितना जरूरी है, वहीं वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट को बताया कि इसके चलते अस्पताल में भर्ती होने और इलाज कराने में समस्या आ रही है.More Related News