
किसी ने लिया 42 लाख का कर्ज, कोई फ्लैट बेचकर पहुंचा अमेरिका... डिपोर्ट हुए गुजरात के लोगों के रिश्तेदारों की जुबानी
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104 अवैध अप्रवासियों को लेकर बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान भारत पहुंचा. यह ट्रंप सरकार द्वारा भारतीयों को वापस भेजने का पहला जत्था है. निर्वासित लोगों में हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं. निर्वासित लोगों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस क्रम में बुधवार को 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान भारत पहुंचा. यह ट्रंप सरकार द्वारा भारतीयों को वापस भेजने का पहला जत्था है. निर्वासित लोगों में हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं.
निर्वासित लोगों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल हैं. इनमें चार साल का एक लड़का और पांच और सात साल की दो लड़कियां शामिल हैं. अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार दोपहर 1:55 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. निर्वासित लोगों से एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन के अंदर पंजाब पुलिस और विभिन्न राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने पूछताछ की ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है. इसके बाद सभी को अपने-अपने राज्य भेज दिया गया.
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परिवार को यूरोप ट्रिप बोलकर अमेरिका पहुंच गई बेटी
इस बीच आजतक ने गुजरात के निर्वासित लोगों के परिजनों और रिश्तेदारों से बात की. कोई अपने घर झूठ बोलकर अमेरिका गया तो किसी के परिजनों ने कर्ज लेकर बेटे को कमाने के लिए विदेश भेजा. ऐसी ही कहानी मेहसाणा स्थित विजापुर के दाभला गांव की रहने वाली निकिता की भी सामने आई, जो डिपोर्ट होकर स्वदेश लौट आई है. उसके पिता कनुभाई पटेल ने कहा कि उनकी लड़की यूरोप के टूर पर गई थी, लेकिन वह अमेरिका गई थी, इस बारे में किसी को नहीं बताया.
निकिता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी एक महीने पहले यूरोप के वीजा लेकर 2 सहेलियों के साथ घूमने गई थी. उसके बाद उनकी आखिरी बार बात 14-15 जनवरी को हुई थी. उसने उस वक्त यूरोप में रहने की ही बात हुई थी, अमेरिका जाने की कोई बात नहीं हुई थी. इन्हें मीडिया के द्वारा ही जानकारी मिली कि गुजरात के 33 लोग वापस भेजे जा रहे हैं. हाल ही में उसने M.Sc. की पढ़ाई पूरी की है, लेकिन यहां जॉब नहीं थी. पर वह आगे क्या करने वाली थी, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी.

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