किसी छात्र की जाति पूछी तो खैर नहीं! IIT बॉम्बे ने जारी की नई गाइडलाइंस, दर्शन सोलंकी के पिता ने कही ये बात
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IIT B New Guidelines: दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अन्य छात्रों से उनकी जेईई एडवांस्ड रैंक या गेट स्कोर या किसी अन्य जानकारी के बारे में पूछना भी अनुचित है जो जाति या अन्य संबंधित पहलुओं को उजागर कर सकती है. संस्थान द्वारा 29 जुलाई को सार्वजनिक किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि रैंक पूछना जाति का पता लगाने के प्रयास की तरह लग सकता है और भेदभाव के लिए मंच तैयार कर सकता है.
आईआईटी बॉम्बे ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें कहा गया है कि साथ पढ़ने वाले छात्र किसी भी छात्र की रैंक या उसकी जाति नहीं पूछ सकते. अगर ऐसा किसीने किया तो उस छात्र पर कारवाई की जा सकती है. यह फैसला छात्र दर्शन सोलंकी की आत्म हत्या के पांच महीने बाद आया है. इस पर दर्शन सोलंकी के पिता रमेशभाई सोलंकी का कहना है कि यह नियम पहले भी थे पर उसका पालन नहीं होता है.
अगर पालन किया गया होता तो दर्शन आज जिंदा होता. दर्शन ने उदय मीना को सब कुछ बताया था फिर भी उसका कमरा चेंज नहीं किया गया. दर्शन को उसके रूम मेट परेशान करते थे और रैंक पूछने के बाद ही उनका रवैय्या बदल गया था जो साफ दर्शाता है वज़ह क्या थी.
SIT ने उदय मीना का बयान लिया पर उसे चार्जशीट मे नही रखा. एसा क्यों किया गया उसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है. नियम सिर्फ सरकार और लोगों को दिखाने के लिए है उसका पालन हो तभी भेदभाव रुकेगा. महत्वपूर्ण है कि दर्शन की आत्महत्या के बाद परिवार ने IIT प्रबंधन पर प्रश्न उठाये थे. बेटे के साथ जाति की वज़ह से भेदभाव के आरोप भी लगाए थे जिसके बाद SIT बनाई गई थी और इस मामले की जांच हो रही है.
क्या है नई गाइडलाइंस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी बी) ने दिशानिर्देश जारी कर छात्रों से आग्रह किया है कि वे साथी छात्रों से ऐसी जानकारी न मांगें जिससे उनकी जाति का पता चल सकता हो. इसके बजाय उन्हें खेल, संगीत और फिल्मों जैसी समान रुचियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. छात्रों के बीच दिशानिर्देशों को प्रसारित करने के अलावा, अधिकारियों ने उन्हें संस्थान के पवई परिसर में विभिन्न स्थानों पर भी चिपकाया है. दिशानिर्देशों के अनुसार, साथी छात्रों से उनके जन्म, प्रवेश और वे जिस श्रेणी में आते हैं, उसके बारे में पूछना अनुचित है क्योंकि इससे सचेत या अवचेतन पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है.
रैंक पूछना जाति जानने का प्रयास! दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अन्य छात्रों से उनकी जेईई एडवांस्ड रैंक या गेट स्कोर या किसी अन्य जानकारी के बारे में पूछना भी अनुचित है जो जाति या अन्य संबंधित पहलुओं को उजागर कर सकती है. संस्थान द्वारा 29 जुलाई को सार्वजनिक किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि रैंक पूछना जाति का पता लगाने के प्रयास की तरह लग सकता है और भेदभाव के लिए मंच तैयार कर सकता है.
ऐसे चुटकुले शेयर न करें छात्र गाइडलाइंस में छात्रों को ऐसे संदेश साझा करने से भी रोका गया है जिनमें ऐसे चुटकुले भी शामिल हैं जो अपमानजनक, घृणित, जातिवादी, लिंगवादी या धर्म या यौन अभिविन्यास पर आधारित कट्टरता प्रदर्शित करते हैं, जिन्हें उत्पीड़न या धमकाने के रूप में माना जा सकता है.
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