कितना सेफ है Incognito Mode? क्या कोई चेक कर सकता है आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री?
AajTak
Can Incognito Mode Be Hacked: क्या आप भी इनकॉग्निटो मोड को सेफ समझते हैं? अक्सर लोग कुछ चीजों को सर्च करने के लिए इस मोड का इस्तेमाल करते हैं. मगर क्या हो कि कोई आपके इनकॉग्निटो मोड की हिस्ट्री निकालकर रख दे. ऐसा हो सकता है और हैकर्स बड़ी ही आसानी से ऐसा कर सकते हैं. आइए जानते हैं इनकॉग्निटो मोड और उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में.
आजकल प्राइवेसी और सिक्योरिटी की चिंता हर किसी को लगी रहती है. बहुत से लोग इटरनेट यूज़ करते समय ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मोड ऑन करते हैं. लोगों को लगता है कि इस तरह से उनकी ब्राउजि़ंग हिस्ट्री पूरी तरह सुरक्षित रहेगी. क्या सच में ऐसा है? दरअसल, अगर आपके डिवाइस में हैकर्स सेंधमारी कर लेते हैं, तो उन्हें आपके बारे में सब कुछ पता चल जाएगा.
हैकर्स बड़ी ही आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपने इंकॉग्निटो मोड में क्या सर्च किया है. मगर ये सब कैसे हो सकता है? इसके लिए हमें कुछ पॉइंट्स को समझना होगा.
जब हम ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मोड ऑन करते हैं तो ये यूज़र की ब्राउजि़ंग एक्टिविटी को अलग करके एक सेपरेट ब्राउजिंग सेशन स्टार्ट कर देता है. इनकॉग्निटो मोड इंटरनेट यूज़ करने के दौरान ब्राउज़र हमारी ब्राउजि़ंग हिस्ट्री, कुकिज़, फॉर्म डेटा, पासवर्ड और टेम्परेरी डेटा स्टोर नहीं करता है.
इसे यूज़ करने के कई फायदे हैं जैसे कि कुकिज़ स्टोर ना करने की वजह से, वेबसाइट्स यूज़र्स का इंटरनेट बिहेवियर ट्रैक नहीं कर पाती. कई ब्राउज़र मे Incognito Mode एक्टिव होने के दौरान डाउनलोड कि गई फाइल्स भी हाइड हो जाती हैं.
इनकॉग्निटो मोड की सबसे बड़ी खासियत हैं कि ये आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री और कूकिज़ डिवाइस में सेव नहीं करता. यानी कि कोई और आपकी ब्राउजिंग एक्टिविटी देख नहीं पाता है. ये फीचर तब बहुत काम आता है जब एक ही डिवीइस के मल्टीपल यूज़र हों, जैसे कि साइबर कैफे या ऑफिस कंप्यूटर.
भले ही इनकॉग्निटो मोड आपकी वेब ब्राउजिंग को सेफ रखता हो, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि ये हैक नहीं हो सकता है. दरअसल, इनकॉग्निटो मोड को इस तरह से नहीं डिज़ाइन किया गया है कि वो आपको हैकिंग या मालवेयर से बचा सके.
Apple WWDC 2024 इवेंट की शुरुआत आज से होने जा रही है, जो 14 जून तक चलेगा. इस इवेंट के तहत कई बड़े ऐलान हो सकते हैं, जिसमें AI, iOS 18, Siri, MacOS तक का नाम का शामिल है. इस इवेंट में नए ऑपरेटिंग सिस्टम और उनके नए फीचर्स का ऐलान होगा. साथ ही कंपनी बता सकती है कि उन्होंने अपने कोर Apps में AI को इंटीग्रेट किया है और वह कैसे लोगों का काम बेहतर बनाने में मदद करेंगे. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
ज्वॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JOSAA) ने आज (10 जून) से काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं. जिन कैंडिडेट्स ने जेईई मेन्स और एडवांस्ड की परीक्षा पास की है, वे कॉलेज में दाखिले के लिए पहले राउंड का रजिस्ट्रेशन करवा लें. आइए जानते हैं च्वॉइस फिलिंग से लेकर, सीट एलोकेशन तक की जरूरी तारीखें क्या हैं.
NEET UG Result 2024 Controversy: याचिका में स्टूडेंट्स ने कई सवाल उठाए हैं जैसे- पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या (67) में स्टूडेंट्स कैसे आ गए? स्टूडेंटस को 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए? क्योंकि स्टूडेंट्स सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते और एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग की वजह से अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक.
NEET Result Controversy 2024: एनटीए महानिदेशक का कहना है कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और परिणाम जारी किए हैं. 4750 केंद्रों में से यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित है और 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है. पूरे देश में इस परीक्षा की अखंडता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.