
कहीं हिरासत में मर्डर, कहीं कारोबारी से चांदी की लूट, कहीं फरियादी पर अत्याचार... यूपी में बार-बार क्यों दागदार हो रही है वर्दी
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कुछ खबरें ये बताने के लिए काफी हैं कि यूपी में ना तो पुलिस का ईमान खरा है और ना ही इकबाल बुलंद. क्योंकि यहां पुलिस की आंखों के सामने ही गुंडे बदमाश अपने दुश्मनों को निशाना बना रहे हैं, पुलिस हिरासत में ताबड़तोड़ गैंगवार चल रहा है और सुपारी किलिंग को अंजाम दिया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के चार अलग-अलग शहरों से सामने आई चार खबरों ने सूबे में पुलिस का असली चेहरा उजागर कर दिया है. उनकी पोल खोलने के लिए ये खबरें काफी हैं. इनमें कहीं तो पुलिस झूठे इल्जाम में किसी पर इतना जुल्म ढाती है कि वो हालात से हार कर खुदकुशी कर लेता है. कहीं जिन वर्दीवालों पर कायदे कानून की हिफाजत की जिम्मेदारी है, वही वर्दीवाले किसी कारोबारी को डरा धमका कर उससे 50 किलो चांदी लूट लेते हैं. कहीं लूट की शिकायत लेकर पहुंचे फरियादी की मदद करने की जगह खुद पुलिस ही लूट के माल का बंदरबांट करने लगती है और कहीं थाने पहुंचा फरियादी ही बड़े साहब के पट्टों के वार से इस कदर तिलमिला उठता है कि पुलिस के नाम से ही कांपने लगता है.
पुलिस हिरासत में मर्डर
यूपी पुलिस के इकबाल की बात करें तो और दो खबरों का जिक्र भी जरूरी है. ये खबरें यह बताने के लिए काफी हैं कि इस सूबे में ना तो पुलिस का ईमान खरा है और ना ही इकबाल बुलंद. क्योंकि यहां पुलिस की आंखों के सामने ही गुंडे बदमाश अपने दुश्मनों को निशाना बना रहे हैं, पुलिस हिरासत में ताबड़तोड़ गैंगवार चल रहा है और सुपारी किलिंग को अंजाम दिया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कोई पुलिस पर यकीन करे तो कैसे करे?
विजय यादव का कबूलनामा
लेकिन इससे पहले कि यूपी पुलिस की करतूतों पर बात करें, पुलिस के इकबाल को पलीता लगाने वाले शूटर विजय यादव की बात सुन लें. उसने अपने कुबूलनामे में बताया है कि कैसे उसने सुपारी लेकर मर्डर किया था. ये वही विजय यादव है, जिसने 7 जून को लखनऊ के कोर्ट रूम में गैंगस्टर संजीव जीवा को गोलियों से भून दिया था. विजय ने अपने कुबूलनामे में उस शूटआउट के पीछे की साजिश का खुलासा किया है और बताया है कि जीवा ने लखनऊ जेल में एक शख्स की दाढ़ी नोच ली थी, जिसके बदले के लिए उसके भाई ने विजय यादव को 20 लाख की सुपारी दी और तब उसने जीवा का कत्ल किया.
अब आइए पुलिस के ईमान की पोल खोलनेवाली चार खबरों का सच एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं.

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