
कहीं ई-वाहनों से जुड़े ये 5 मिथक तो नहीं रोक रहे आपके E-Car खरीदने के फैसले को?
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देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में बेहताशा बढ़ोत्तरी हो रही है, ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन उम्मीद की नई किरण हैं और मौजूदा मोदी सरकार ने भी 2030 तक देश को 100% ई-परिवहन वाली अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है़. लेकिन क्या इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले आपके दिमाग में भी ये 5 सवाल आते हैं? जानिए इन मिथकों की सच्चाई...
इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में माना जाता है कि इनकी स्पीड बहुत कम होती है. लेकिन अभी बाजार में कई ऐसी इलेक्ट्रिक कार हैं जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक तक की टॉप स्पीड देती हैं. जैसे हुंडई की कोना इलेक्ट्रिक के बारे में कंपनी का दावा है कि इसकी अधिकतम रफ्तार 167 KMPH है. तो वहीं MG ZS EV भी 140 KMPH प्रति घंटे की टॉप स्पीड देती है. बाजार में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली Tata Nexon की टॉप स्पीड भी 120 KMPH है. (Photo: Getty Images) इलेक्ट्रिक कारों के बारे में तीसरा बड़ा मिथक है कि इन्हें बार-बार चार्ज करना पड़ता है और ये ज्यादा दूर नहीं जा सकती. लेकिन ये बात सच नहीं है.कई कंपनियों की इलेक्ट्रिक कार एक बार फुल चार्ज के बाद आराम से 400 किलोमीटर तक जा सकती है. यह लगभग उतना ही है जितना एक बार गाड़ी पेट्रोल या डीजल से फुल कराने के बाद जाती है. यानी आप दिल्ली से वीकेंड ट्रिप पर जयपुर या चंडीगढ़ जाना चाहें तो एक बार के फुल चार्ज में आराम से पहुंच सकते हैं. वहीं अगर बात इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक की करें तो ये भी सिंगल चार्ज में 70 किलोमीटर तक जाते हैं. हुंडई का दावा है कि उसकी कोना एक बार के चार्ज में 452 किलोमीटर, MG की ZS EV 340 किलोमीटर तक और Tata Nexon 312 किलोमीटर तक जा सकती हैं. (Photo : EESL) लोगों के बीच एक भ्रम ये भी है कि इलेक्ट्रिक कार महंगी होती है, लेकिन अगर आप कार रखने की असल लागत पर विचार करें तो लॉन्ग टर्म में इलेक्ट्रिक कार सस्ती पड़ती है. उदाहरण के लिए बाजार में महिंद्रा एंड महिंद्रा की eVerito की कीमत 10 लाख रुपये के आसपास से शुरू होती है जो एक आम हैचबैक कार के मुकाबले माना थोड़ी महंगी लगती है. लेकिन सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की सब्सिडी दे रही हैं, साथ में इलेक्ट्रिक कारों के रखरखाव और ईंधन पर आने वाला खर्च आम कारों की तुलना में काफी कम है. ऐसे में लॉन्ग टर्म में कार की लागत आपको कम पड़ती है. इतना ही नहीं अगर बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ेगी तो इनकी कीमत और कम होगी. (Photo: EESL)
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