कल्याणी से लेकर मार्क्समैन तक... चीन-पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने का दम रखते हैं भारत के ये 'युद्धवीर'
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Indian Army Vehicles: भारतीय सेना में इस समय एक से बढ़कर एक अत्याधुनिक तकनीक से लैस बख्तरबंद (Armoured Vehicle) वाहन है, जो अपने जबरदस्त सेफ्टी और हर तरह के रास्तों पर आसानी से दौड़ने के लिए जाने जाते हैं.
देश आज 74वां गणतंत्र दिवस माना रहा है. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया और तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के तौर पर मनाया जाता है. समय के साथ देश के सीमाओं की सुरक्षा में तैनात इंडियन आर्मी का स्वरूप तो बदला ही, साथ आर्मी व्हीकल्स भी अत्याधुनिक होते गएं. पुराने दौर में निसान जोंगा (Nissan Jonga) जैसे वाहन भारतीय सेना की सेवा में थें लेकिन अब ये दारोमदार कल्यानी एम4 (Kalyani M4) और मार्क्समैन (Marksman) जैसे युद्धवीरों के कंधों पर आ टिकी है. भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की लिस्ट काफी लंबी है, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे चुनिंदा आर्मी व्हीकल्स के बारे में बताएंगे, जिससे विरोधियों के भी पसीने छूट जाते हैं. आज हम आपको इस लेख में उन वाहनों के बारे में भी बताएंगे, जिन्होनें इंडियन आर्मी में अपनी सेवा दी और रिटायर हो गएं.
Nissan Jonga:
सबसे पहले बात करते हैं उन वाहनों की जिन्होनें इंडियन आर्मी में अपनी सर्विस दी और अब रिटायर हो चुके हैं. बात शुरू होती है निसान जोंगा से, Jonga वास्तव में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की आर्मी व्हीकल है. युद्ध के बाद जापान तबाह हो गया था, इसलिए, देश ने एक ऐसा वाहन खरीदने का फैसला किया जिसका इस्तेमाल सेना, अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किया जा सके. जिसके बाद निसान ने 4W60 की फस्ट जेनरेशन मॉडल को तैयार किया, जिसे Patrol नाम दिया गया. आगे चलकर निसान ने इसे विश्व स्तर पर बेचना शुरू किया.
60 के दशक में भारतीय सेना द्वारा महिंद्रा जीप जैसे मॉडल इस्तेमाल किए जाते थें, लेकिन उस दौर में जोंगा को भी इंडियन आर्मी में शामिल किया गया. ये एक मिड-साइज ऑफ रोड व्हीकल थी, जो कि साल 1969 से लेकर 1999 तक सेवा में रही. Jonga का नाम सुनकर आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि, भला ये कैसा नाम है लेकिन इसके नाम के पीछे का किस्सा भी बेहद दिलचस्प है. दरअसल, ये जबलपुर ऑर्डनेंस एंड गन-कैरिज असेंबली ( Jabalpur Ordnance And Gun-carriage Assembly.) का एक संक्षिप्त नाम है, यह वह फेसिलिटी थी जहाँ सेना के लिए इस मजबूत ऑल व्हील ड्राइव (4X4) वाहनों का उत्पादन किया जाता था.
4.0 लीटर, 6 सिलिंडर इन-लाइन पेट्रोल इंजन से लैस Jonga की ख़ास बात ये थी कि इसमें 222एमएम का ग्राउंड क्लीयरेंस दिया गया था और ये भारी से भारी वजन को उठाकर हर तरह के रास्तों पर आसानी से दौड़ सकता था. ये इंजन 145hp की पावर और 330Nm का टॉर्क जेनरेट करता था और इसे 3-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन गियरबॉक्स को जोड़ा गया था. साल 1969 में जोंगा का पहला मॉडल तैयार किया गया बाद में साल 1996 में जोंगा को आम नागरिकों (Civilian Variant) भी पेश किया, प्रोडक्शन बंद होने तक तकरीबन 100 यूनिट्स को आम ग्राहकों को बेचा गया था. भारतीय सेना जोंगा का इस्तेमाल मुख्य रूप से एक एम्बुलेंस, गश्ती वाहन, बंदूक वाहक और सेना के जवानों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए करती थी.
Maruti Suzuki Gypsy:
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