
कभी कांशीराम के रहे करीबी, अब UP में कांग्रेस के खेवनहार होंगे बृजलाल खाबरी
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कांग्रेस में एक तरफ संगठन को धार देने के लिए नए अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. वहीं इस बीच यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPPCC) के लिए नए पदाधिकारियों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. इसमें बृजलाल खाबरी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. बृजलाल खाबरी एक समय में बसपा के कर्मठ कार्यकर्ता और कांशीराम के करीबी हुआ करते थे, अब वो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के खेवनहार होंगे.
बुंदेलखंड कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. यहां की प्रमुख सीट झांसी से सुशीला नायर लंब समय तक लोकसभा सांसद चुनी जाती रहीं. वो देश की स्वास्थ्य मंत्री भी बनीं. अभी इसी बुंदेली धरा से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अपना नया अध्यक्ष मिला है. बृजलाल खाबरी को पार्टी ने यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. उनके नाम के अलावा पार्टी के प्रान्तीय अध्यक्षों के नाम का भी ऐलान किया गया है.
बृजलाल खाबरी, बुंदेलखंड क्षेत्र के जालौन जिले की कोंच तहसील से आते हैं. इसी तहसील का एक छोटा गांव 'खाबरी' है, जहां से बृजलाल आते हैं और उनके नाम में खाबरी भी इसी गांव की देन है. जालौन के डीएवी पीजी कॉलेस से पढ़े बृजलाल खाबरी अपने दौर में एक लोकप्रिय छात्र नेता हुआ करते थे. छात्र राजनीति में उन्होंने लंबा अरसा बिताया, दो बार चुनाव भी लड़े, लेकिन कुछ मतों के अंतर से हार गए. पर उनके संगठनात्मक कौशल की खूब वाहवाही हुई.
कांशीराम के रहे खास
बृजलाल खाबरी, बहुजन समाज पार्टी के सर्वेसर्वा रहे कांशीराम के दलित मूवमेंट से काफी प्रभावित थे. उनके भाषण से प्रभावित होकर उन्होंने अपना घर बार छोड़ दिया और दलित मूवमेंट के साथ जुड़ गए़. साल 1999 में वो जालौन से लोकसभा सांसद बने. हालांकि इससे अगला चुनाव वो हार गए, लेकिन कांशीराम ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. वो बीएसपी के जोनल को-ऑर्डिनेटर भी रहे.
यूपी के हर जिले में किया काम
उत्तर प्रदेश का शायद ही ऐसा कोई जिला होगा, जहां बृजलाल खाबरी ने संगठन के लिए काम ना किया हो. वो गोरखपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पार्टी प्रभारी रहे और संगठन को मजबूत किया. उनका ये संगठनात्मक कौशल और दलित मूवमेंट से जुड़ा होना कांग्रेस को राज्य में फिर से खड़ा करने में अहम भूमिका निभाएगा.

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