कनाडा में बैठे-बैठे गैंगस्टरों की भर्ती, गोल्डी बराड़ ने लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के लिए बनाया प्लान
AajTak
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजेश बवाना गैंग के 4 शूटरों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पुलिस को पूछताछ में कई बड़ी जानकारी हासिल हुई है. पुलिस को पता चला है कि गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठे-बैठे दिल्ली में गैंगस्टरों की भर्ती कर रहा था. उसने लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के लिए ये भर्ती शुरू की थी.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी से राजेश बवाना गैंग के 4 शूटरों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पूछताछ में पुलिस को पता चला कि गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठे-बैठे यहां पर लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के लिए गैंगस्टर की भर्ती कर रहा था. गिरफ्तार हुए 4 लोगों में से एक के साथ वो लगातार संपर्क में था.
गिरफ्तार गैंगस्टर्स में एक रैपर भी
दिल्ली पुलिस ने जिन 4 शूटर को गिरफ्तार किया है, उनमें एक मशहूर रैपर भी शामिल है. ये शूटर नीरज बवाना गैंग के लोगों को निशाना बनाने वाले थे. गैंगस्टर्स की पहचान हिमांशु, नितिन, अभिषेक उर्फ शेखू और अभिलाषा पोटा के तौर पर की गई है. इसमें अभिषेक उर्फ शेखू लगातार कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ के संपर्क में बना हुआ था. जबकि अभिलाषा पोटा एक रैपर है.
एक हुए राजेश बवाना और गोल्डी-लॉरेन्स
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि राजेश बवाना ने हाल ह में गोल्डी बराड़ और लॉरेन्स बिश्नोई के साथ हाथ मिलाया है. दरअसल राजेश बवाना और नीरज बवाना गैंग के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. राजेश बवाना, नीरज बवाना गैंग के कुछ लोगों को ठिकाने लगाना चाहता था, इसलिए उसने लॉरेन्स बिश्नोई से हाथ मिलाया था.
20 साल से कम उम्र के लड़कों की भर्ती
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.