
ऑक्सीजन की कमी से गईं कितनी जानें? केंद्र-राज्य एक-दूसरे पर थोप रहे 'जीरो डेटा' का जिम्मा
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केंद्र सरकार का कहना है कि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऐसा रिपोर्ट नहीं किया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण दूसरी लहर में किसी की जान गई है. केंद्र सरकार के इसी दावे को लेकर विवाद हुआ है, विपक्ष की कई पार्टियां सरकार को घेर रही हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में तबाही का मंजर था. दिल्ली हो या मुंबई या फिर कोई अन्य हिस्सा, कई जगह ऑक्सीजन की किल्लत (Oxygen Crisis) के कारण हालात पस्त थे. लेकिन इस पूरे महासंकट के बीच केंद्र सरकार (Center Government) ने मंगलवार को राज्यसभा में एक जवाब दिया है, जिसपर नया बवाल छिड़ गया है. केंद्र सरकार का कहना है कि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऐसा रिपोर्ट नहीं किया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण दूसरी लहर में किसी की जान गई है. केंद्र सरकार के इसी दावे को लेकर विवाद हुआ है, विपक्ष की कई पार्टियां सरकार को घेर रही हैं. दूसरी ओर सरकार की ओर से भी मोर्चा संभालकर पलटवार किया जा रहा है.केंद्र के दावे पर कांग्रेस ने उठाए सवाल संसद में केंद्र सरकार द्वारा किए गए इस दावे पर कांग्रेस (Congress) पार्टी ने सवाल खड़े किए. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार संसद के जरिए देश को गुमराह कर रही है. हर किसी ने देखा है कि कैसे दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की जान गई है. कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि वह इस मुद्दे पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे.
इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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