एल्गार परिषद मामला: हेनी बाबू और तीन अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिका ख़ारिज
The Wire
एनआईए ने कबीर कला मंच के सदस्यों- सागर गोरखे, रमेश गायचोर और ज्योति जगताप की ज़मानत याचिकाओं का भी विरोध किया. वहीं, आरोपियों के वकील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उनके मुवक्किलों ने यूएपीए के तहत कोई अपराध किया था जिसके तहत उन पर मामला दर्ज किया गया.
मुंबई: मुंबई में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने सोमवार को एल्गार परिषद मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू और तीन अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.
विशेष न्यायाधीश डीई कोठालीकर ने बाबू और सह-आरोपी सागर गोरखे, रमेश गायचोर और ज्योति जगताप द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया. मामले में तीनों सह-आरोपी कबीर कला मंच के सदस्य हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को 28 जुलाई, 2020 को दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. बाकी तीनों आरोपियों को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एनआईए ने कबीर कला मंच के सदस्यों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि वे 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम का हिस्सा थे. आरोपपत्र में वांछित आरोपी मिलिंद तेलतुम्बडे ने इस घटना के बारे में तीनों के साथ चर्चा की थी.