
एक्सीडेंटल मौत बताने के लिए रेल पटरी पर फेंक गई थी पति की लाश, उधर ड्राइवर ने रोक ली ट्रेन, फिर खुला राज
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Crime News: मृतक की कोई पहचान नहीं होने से हत्या की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ा चुनौतीभरा था. आखिरकार पुलिस अपने सर्विलॉन्स के आधार पर मृतक की पत्नी तक पहुंची. शंका की सुई मृतक की पत्नी के ऊपर जा टिकी और फिर कड़ियों को जोड़कर दूसरे आरोपियों तक पहुंची और तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
गुजरात के सूरत शहर में आए दिन आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इसके चलते शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कुछ दिन पहले ही एक युवक ने ओडिशा से अपनी प्रेमिका को सूरत लाकर मौत के घाट उतार दिया था. अब सूरत के डिंडोली इलाके में एक पत्नी ने पति की हत्या कर दी. इस वारदात में महिला के प्रेमी समेत दूसरे युवक ने भी साथ दिया.
शहर के डिंडोली इलाके में प्रमुख पार्क ओवर ब्रिज के नीचे (दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन) एक लाश पुलिस ने बरामद की थी. शुरुआती दौर में मरने वाला कौन है? यह पुलिस को पता नहीं चला था. लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे हत्या के इस मामले को सुलझाने में सफलता मिलती गई.
पुलिस की तफ्तीश अभी चल ही रही थी कि एक महिला डिंडोली पुलिस थाने अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाने पहुंच गई. पुलिस ने उस महिला से पति के गुम होने से जुड़े कुछ सवाल किए, जिनके जवाब महिला नहीं दे सकी थी. महिला से जब पुलिसिया अंदाज में पूछताछ हुई तो उसने कबूल किया कि जो लाश बरामद हुई थी, वो उसके पति विनोद बालदेव की ही है.
डीसीपी भगीरथ गढ़वी ने बताया कि मृतक की पत्नी पूनम ने कबूल किया कि पति के साथ उसके झगड़े होते रहते थे. गत 17 दिसंबर की रात को भी पति के साथ उसका झगड़ा हुआ था. इसकी वजह यह थी कि पति के दोस्त सागर कोली समेत राहुल कोली के साथ पूनम के नाजायज ताल्लुकात थे. पूनम ने अपने प्रेमी राहुल कोली और सागर कोली के साथ मिलकर पति विनोद के गले में फंदा डालकर हत्या कर दी थी और बाद में लाश को ब्रिज से नीचे रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया था.
डिंडोली इलाके से दो दिन पहले रेलवे ट्रैक पर मिली डेड बॉडी की गुत्थी सुलझी तो हर कोई हक्का बक्का रह गया. पत्नी पूनम ने अपने पति की हत्या, प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपने ही घर में की थी और उसके बाद वो किसी की तरह से लाश को ठिकाने लगाना चाहते थी.
डीसीपी भगीरथ गढ़वी ने बताया कि पत्नी पूनम ने लाश को रेलवे ट्रैक पर डालकर उसे एक्सीडेंट में तब्दील करने या पुलिस को गुमराह करने के लिए डाली थी, इसकी जांच की जा रही है. रात को क़रीबन दो बजे एक ट्रेन के गुजर जाने के बाद लाश ट्रैक पर डाली गई थी. उसके बाद जो ट्रेन गुजरी, उसकी रफ़्तार धीमे थी. लिहाज़ा ट्रेन के चालक को ट्रैक पर लाश नज़र आई थी, उसने ट्रेन को रोककर पुलिस को सूचना दी.

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