एंटीलिया केसः सचिन वाजे का विवादों से है पुराना नाता, नौकरी छोड़ शिवसेना में हुआ था शामिल
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इस बार वाजे राजनीतिक परेशानी में फंस गया है, क्योंकि उसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता था. यही वजह है कि उसे विपक्षी दलों ने भी निशाना बनाया है. इस मामले में उसका नाम आने पर ठाकरे ने कहा था कि सचिन वाजे ओसामा बिन लादेन नहीं है.
एंटीलिया केस से चर्चाओं में आए सहायक पुलिस निरीक्षक (API) सचिन वाजे का विवादों से पुराना नाता रहा है. वाज़े को पहले 2004 में ख्वाजा यूनुस एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ वो मुकदमा अभी चल रहा है. उस मामले में राहत मिलने और मुंबई पुलिस के साथ काम पर वापस लौटने के केवल दस महीने बाद ही अब सचिन वाज़े को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार कर लिया है. इस बार, वाज़े राजनीतिक परेशानी में फंस गया है, क्योंकि उसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता था. यही वजह है कि उसे विपक्षी दलों ने भी निशाना बनाया है. इस मामले में उसका नाम आने पर ठाकरे ने कहा था कि सचिन वाज़े ओसामा बिन लादेन नहीं है. किसी व्यक्ति को निशाना बनाना और उसे फांसी दे देना और फिर जांच करना सही नहीं है.जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
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बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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